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शिक्षा विभाग का सख्त एक्शन, स्कूल के नजदीक तंबाकू बेचने पर प्रधानाचार्य कर सकेंगे चालान

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न्यूज अपडेट्स 
हमीरपुर, 25 नवंबर।  हिमाचल प्रदेश में तंबाकू बेचने को लेकर हर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। प्रदेश में तंबाकू बिक्री करने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। नियम तोड़ने वाले को या तो जेल जाना पड़ सकता है या फिर 1 लाख रुपये जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।

वहीं, अब हमीरपुर जिले में स्कूलों को तंबाकू रहित बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने अब सख्त रुख अपना लिया है। बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रधानाचार्यों और स्कूल मुखियाओं को यह अधिकार दिया है कि वे स्कूल परिसर के 100 मीटर दायरे में तंबाकू बेचने वालों के चालान काट सकें। यह शक्ति पहले भी उनके पास थी, लेकिन अब इसे सक्रिय रूप से लागू करने के स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि अभियान की गति और प्रभाव दोनों बढ़ सकें।

शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि 30 नवंबर तक हमीरपुर जिला के कुल 400 सरकारी स्कूलों को पूर्ण रूप से तंबाकू मुक्त घोषित किया जाए। अभी तक लगभग 300 स्कूल आधिकारिक तौर पर तंबाकू रहित घोषित किए जा चुके हैं, जबकि शेष 100 स्कूलों में अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कुछ स्कूलों के आसपास नियमों का खुलेआम उल्लंघन देखने में आया, जिसके चलते कोटपा (COTPA) एक्ट के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की आवश्यकता महसूस हुई।

शिक्षा विभाग की टीम अब उन दुकानों की विशेष निगरानी कर रही है जो स्कूलों के करीब तंबाकू उत्पाद बेचती हैं। कई दुकानदारों को पहले चेतावनी दी गई है और आने वाले दिनों में चालान और कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि वे नियमित निरीक्षण करें और किसी भी उल्लंघन की रिपोर्ट तुरंत जिला स्तर पर भेजें।

जिला स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए संयुक्त रणनीति तैयार की है। तंबाकू मुक्त स्कूल अभियान के तहत चयनित स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम, निगरानी व्यवस्था और कानूनी कार्रवाई-जइन तीनों को साथ-साथ चलाया जा रहा है। बच्चों को तंबाकू के दुष्प्रभावों से बचाने और स्कूलों के आसपास सुरक्षित वातावरण स्थापित करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय अत्री ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाने, शिक्षकों को प्रशिक्षण देने और निरीक्षण में सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और स्वस्थ बचपन सुनिश्चित करना ही इस अभियान का मूल उद्देश्य है।

प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कमल किशोर भारती ने जानकारी दी कि 30 नवंबर तक सभी 400 स्कूलों को तंबाकू मुक्त घोषित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों के 100 मीटर दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी और नियमों के पालन के लिए विद्यालय प्रमुखों को चालान काटने की शक्ति प्रदान की गई है। इस कदम से स्कूलों के आसपास तंबाकू उत्पादों की उपलब्धता में कमी आने की उम्मीद है।

अभियान के माध्यम से न केवल बच्चों को नशे से दूर रखने की कोशिश की जा रही है, बल्कि स्कूलों को एक स्वस्थ, सुरक्षित और अनुशासित शैक्षणिक वातावरण प्रदान करने का भी उद्देश्य है। जिले के कई स्कूलों में छात्रों, अभिभावकों और स्थानीय समुदाय को जोड़कर जागरूकता कार्यशालाएँ भी आयोजित की जा रही हैं, ताकि समाज के स्तर पर तंबाकू के खिलाफ मजबूत संदेश दिया जा सके।

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