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हमीरपुर, 20 नवंबर। हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम दिवंगत वीरभद्र सिंह को आम लोगों की राजनीति करने के लिए याद किया जाता है। आम लोगों का दुःख दर्द समझाना- उनके लिए और उनके हित में काम करना यही वीरभद्र सिंह की प्राथमिकता रही। अब इसी बात का अक्श उनके बेटे और मौजूद सरकार में लोक निर्माण विभाग का कार्यभार संभाल रहे उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह में देखने को मिला।
आज गुरूवार को विक्रमादित्य सिंह हमीरपुर जिला स्थित सासन गांव पहुंचे थे। जहां उन्होंने नाबालिग की क्रूरता का शिकार हुई महिला के परिवार, उनके दिव्यांग बेटे और लोक निर्माण विभाग में कार्यरत उनके पति से भी मुलाकात की। इसके साथ ही उन्होंने कई ऐसे फैसले भी लिए, जिसकी तारीफ हर कोई कर रहा है।
मंत्री द्वारा क्या फैसले लिए गए ?
मृतक रंजना के बेलदार पति का नजदीकी डिवीजन में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया।
अधिकारियों को उसके पति को रोजाना की ड्यूटी से कुछ घंटे की छूट देने के भी निर्देश दिए।
इसके अलावा विक्रमादित्य सिंह ने मृतक रंजना के बेटे के स्कूल में जाकर उससे मुलाकात की और वहां की प्रधानाचार्य से बच्चे पर विशेष ध्यान रखने का आग्रह भी किया। उन्होंने गोलू का हाल चाल जाना और उससे बातें भी की।
सोशल मीडिया पर शेयर की पोस्ट
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने गोलू के साथ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा-
आज हमीरपुर में गोलू और उसके परिवार से मिलकर हाल ही में घटित दुखद घटना पर शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। गोलू के पिता लोक निर्माण विभाग में कार्यरत हैं। परिवार के इस कठिन समय में विभाग की ओर से हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे अपने बेटे का पालन-पोषण और देखभाल बेहतर ढंग से कर सकें। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह इस विपत्ति की घड़ी में परिवार को शक्ति और धैर्य प्रदान करें। जय श्री राम।
आपको बता दें कि सासन गांव की 40 वर्षीय रंजना घर से घास काटने गई थी। महज 14 साल के किशोर ने रंजना के साथ जबरदस्ती का प्रयास किया। जब रजना ने इसका विरोध किया तो उसने तेजधार हथियार से बर्बर हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया। रंजना पांच दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ती रही और फिर उसने उपचार के दौरान PGI चंडीगढ़ दम तोड़ दिया।
जांच के दौरान जब पुलिस ने आरोपी नाबालिग का मोबाइल फोन खंगाला, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। बताया जा रहा है कि नाबालिग ने अपने फोन में कई आपत्तिजनक और हिंसक एप्स व साइट्स डाउनलोड की हुई थीं, जिनसे वह प्रभावित हुआ था। उसने वारदात के बाद सबूत मिटाने के लिए मोबाइल की हिस्ट्री और डेटा बड़ी चालाकी से डिलीट कर दिया था।
जांच में पाया गया कि आरोपी ने पहले तेजधार हथियार से हमला किया और जब उसे लगा कि महिला अभी जिंदा है, तो उसने बांस के डंडे से उसके सिर पर कई वार किए। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि घटनास्थल पर मिला डंडा खून से लथपथ था।
घटना के महज 6 घंटे के अंदर पुलिस ने आरोपी नाबालिग को हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान उसने पूरा सच उगल दिया। वर्तमान में नाबालिग को ऊना के जुवेनाइल बोर्ड में पेश कर शेल्टर होम में भेजा गया है। पुलिस उसके मोबाइल डेटा की फोरेंसिक जांच करवा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने किन एप्स और साइट्स से प्रेरणा ली थी।
