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शिमला, 20 नवंबर (अनिल)। हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HRTC) ने अपनी नई ट्रांसफर पॉलिसी 2025 (New Transfer Policy) को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। यह पॉलिसी कर्मचारियों के ट्रांसफरों को अधिक पारदर्शी, व्यवस्थित और समयबद्ध बनाने के उद्देश्य से तैयार की गई है। नई नीति के अनुसार, हर वर्ष ट्रांसफर प्रक्रिया 1 जनवरी से शुरू होगी और 31 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी। जिन कर्मियों ने अपने वर्तमान स्टेशन पर तीन वर्ष की सेवा पूरी कर ली है, वे ट्रांसफर के पात्र माने जाएंगे।
कर्मचारियों को चार पसंदीदा स्टेशन चुनने का विकल्प दिया जाएगा, हालांकि अंतिम निर्णय में कॉर्पोरेशन की संचालन संबंधी आवश्यकताएँ प्राथमिक रहेंगी। पॉलिसी में एक बड़ा बदलाव यह भी है कि अब ट्रांसफर FS:SS अनुपात यानी विशेष श्रेणियों के स्वीकृत पदों और उपलब्ध कर्मचारियों के संतुलन के आधार पर किए जाएंगे, ताकि किसी भी स्टेशन पर ओवरस्टाफिंग या स्टाफ की कमी न हो। पॉलिसी में मानवता आधारित प्रावधान भी जोड़े गए हैं।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं, गंभीर पारिवारिक परिस्थितियों या मेडिकल बोर्ड की सिफारिश के मामलों में ट्रांसफर से छूट दी जा सकती है। HRTC में कार्यरत पति–पत्नी को एक ही स्टेशन या नज़दीकी स्टेशन पर पोस्टिंग देने के प्रयास किए जाएंगे। वहीं ट्राइबल क्षेत्रों में तीन वर्ष की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को नॉन-ट्राइबल पोस्टिंग में पहली प्राथमिकता मिलेगी।
आपको बता दें अनुशासनहीनता या अनियमितता के गंभीर मामलों में शामिल कर्मचारियों को पुराने डिपो या डिवीजन में वापसी नहीं मिलेगी जब तक कि जांच पूरी न हो जाए। विशेष कौशल वाले पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए भी आवश्यकतानुसार छूट दी जा सकती है। सभी ट्रांसफर आदेश 15 मार्च तक जारी होंगे और कर्मचारियों को 5 अप्रैल तक रिलीव होना अनिवार्य होगा, अन्यथा जिम्मेदारी संबंधित यूनिट अधिकारी की मानी जाएगी।
लंबे समय तक एक ही स्थान पर तैनाती से पैदा भ्रष्टाचार पर रोक
संघ के अनुसार वर्षों एक ही डिपो या पद पर तैनाती से पक्षपात, गलत व्यवस्थाएँ और भ्रष्टाचार बढ़ता था। नई ट्रांसफर पॉलिसी से ऐसी सभी स्थितियों पर नियंत्रण होगा और निगम की कार्यप्रणाली और अधिक पारदर्शी बनेगी। माना जा रहा है बहुत जल्द एक स्थान पर तैनात कर्मचारियों को नई पॉलिसी के अनुसार जल्द स्थानांतरण किया जाएगा।
