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शिमला, 25 नवंबर। हिमाचल प्रदेश में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को जल्द बड़ी राहत मिल सकती है। राज्य सरकार ने बिजली बोर्ड को मौजूदा सब्सिडी प्रस्ताव में संशोधन कर नया ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
पहले बोर्ड ने सुझाव दिया था कि किसी भी उपभोक्ता को अधिकतम दो घरेलू मीटरों पर ही सब्सिडी मिले, लेकिन अब सरकार चार मीटरों तक सब्सिडी देने की नीति पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री कार्यालय और ऊर्जा विभाग को हाल के दिनों में विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में सुझाव और आपत्तियां प्राप्त हुई थीं। खासकर संयुक्त परिवारों, बहुमंजिला घरों और बहु-यूनिट वाले मकानों में रहने वाले परिवारों ने दो मीटरों की सीमा को अव्यावहारिक बताया।
उनका कहना था कि ऐसे परिवारों में दो से अधिक बिजली कनेक्शन होना सामान्य बात है और दो मीटरों की सीमा उनके वास्तविक उपभोग और जरूरतों को पूरा नहीं करती। इन मांगों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बिजली बोर्ड को प्रस्ताव फिर से तैयार करने और व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करने के निर्देश दे दिए हैं।
ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार सब्सिडी का मुख्य उद्देश्य केवल वास्तविक घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ देना है। हाल ही में कई क्षेत्रों से यह शिकायत मिली थी कि कुछ लोग आवासीय मीटरों को व्यवसायिक उपयोग में लाकर सब्सिडी का अनुचित लाभ उठा रहे हैं।
संशोधित प्रस्ताव में इस दुरुपयोग को रोकने के लिए नई तकनीकी व्यवस्था, उपभोक्ता सत्यापन मॉडल और यूनिट-आधारित वर्गीकरण शामिल किए जा रहे हैं। यह सुनिश्चित करने की कोशिश होगी कि जिन परिवारों को वास्तव में राहत की आवश्यकता है, उन तक सुविधा पहुंचे, जबकि फर्जीवाड़ा पूरी तरह रोका जाए।
हिमाचल के कई कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार बहुमंजिला घरों में रहते हैं, जहां हर मंजिल या यूनिट पर अलग मीटर लगा होता है। ऐसे परिवार लंबे समय से सब्सिडी सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे थे। प्रस्ताव में सुधार के बाद इन परिवारों को चार मीटरों तक सब्सिडी मिलने की संभावनाएं मजबूत हो गई हैं।
बिजली बोर्ड संशोधित प्रस्ताव को जल्द सरकार को भेजेगा, जिसके बाद इसे कैबिनेट बैठक में अंतिम मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सब्सिडी में बढ़ोतरी से राज्य के राजस्व पर अनावश्यक वित्तीय बोझ न पड़े।
राज्य में वर्तमान में करीब 22 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं। हर घरेलू कनेक्शन पर प्रति माह 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जा रही है। कई परिवारों के पास दो से अधिक मीटर हैं और वह सभी कनेक्शनों पर मुफ्त बिजली का लाभ उठा रहे हैं। सब्सिडी पर सरकार हर साल करोड़ों रुपये का भार वहन करती है। इसलिए नई नीति में राहत और राजस्व संतुलन दोनों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा।
