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शिमला, 23 अक्टूबर। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं। केंद्र सरकार ने राज्य के लिए 1633 मकान मंजूर किए हैं। इन मकानों के लिए एक लाख से अधिक लोगों ने आवेदन किया है। अधिक आवेदन होने से विभाग हैरान है। अब सभी आवेदनों की छंटनी की जाएगी।
ग्रामीण विकास विभाग पंचायतों के माध्यम से आवेदनों की वेरिफिकेशन करवाएगा। परिवार रजिस्टर के आधार पर जांच होगी। आवेदक का अलग पंजीकरण होना जरूरी है। पूरी जांच के बाद ही आवास दिए जाएंगे। नियमों के अनुसार सही पाए गए आवेदकों को ही लाभ मिलेगा।
पहले हिमाचल को 94 हजार मकान मिले थे। इनमें से 17 हजार आवेदन पात्रता पूरी नहीं करते थे। इस कारण उन्हें बाहर कर दिया गया। इन मकानों को सरेंडर करना पड़ा। पिछले सर्वे के अनुसार सभी पात्र लोगों को मकान मिल चुके थे।
माना जा रहा है कि परिवारों में बंटवारे के कारण आवेदन बढ़े हैं। लोग अलग परिवार दिखाकर लाभ लेना चाहते हैं। योजना का वास्तविक उद्देश्य गरीब बेघरों को आवास देना है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ही इसके पात्र हैं।
केंद्र सरकार ने आपदा प्रभावितों को भी योजना में शामिल किया है। राज्य सरकार के आग्रह पर यह मंजूरी मिली। मानसून में घर खराब होने वालों को नया मकान मिलेगा। पीएम आवास योजना से डेढ़ लाख रुपये मिलेंगे। शेष राशि राज्य सरकार देगी।
विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने बताया कि छंटनी के बाद पात्र लोगों को मकान मिलेंगे। शेष आवेदनों के लिए केंद्र से और मकान मांगे जाएंगे। नए सिरे से आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी। विभाग पारदर्शी तरीके से काम करेगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना का मकसद बेघरों को घर देना है। गरीबी रेखा से नीचे के लोग इसके लाभार्थी हैं। बीपीएल श्रेणी के लोगों को प्राथमिकता मिलती है। योजना से आवास की कमी दूर हो रही है। लोगों को अपना घर मिल रहा है।
