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हिमाचल: व्हाट्सएप पर पत्नी की आपत्तिजनक चैट, कोर्ट ने तलाक को दी मंजूरी, यहां जानें

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शिमला, 16 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश में एक वैवाहिक विवाद के मामले में अदालत ने पति को बड़ी राहत दी है। पत्नी के परित्याग और वैवाहिक कर्तव्यों के उल्लंघन के आधार पर अदालत ने पति की याचिका स्वीकार करते हुए विवाह को भंग कर दिया है।

यह फैसला एक पक्षीय (ex-parte) कार्यवाही में सुनाया गया, क्योंकि पत्नी ने अदालत में पेश होकर कोई जवाब नहीं दिया। अब अदालत ने पति के हक में फैसला सुनाते हुए तलाक की मंजूरी दे दी है।

जानकारी के अनुसार, पति कुल्लू जिले का रहने वाला है जबकि पत्नी शिमला जिला संबंधित है। दोनों की शादी वर्ष 2019 में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुई थी। शादी के बाद दोनों कुछ समय तक साथ रहे और पति की नौकरी अन्य राज्य में होने के कारण पत्नी भी उसी के साथ क्वार्टर में रह रही थी।

मामला तब बिगड़ा जब पति एक बार ऑफिस टूर पर गया हुआ था और इसी दौरान पत्नी ने अपने प्रेमी को घर बुला लिया। कुछ महीनों बाद वर्ष 2022 में जब दोनों अपने पैतृक घर में थे, तो पत्नी के मोबाइल पर एक संदिग्ध कॉल आया।

पति ने जब कॉल उठाया तो सामने से कोई जवाब नहीं मिला। संदेह होने पर पति ने उस नंबर की कॉल डिटेल चेक की, जिसमें कई बार बात होने का खुलासा हुआ। इसके बाद जब पति ने पत्नी का व्हाट्सएप चेक किया तो उसे एक व्यक्ति के साथ उसकी आपत्तिजनक वीडियो और फोटो मिले।

पति ने सबूत सुरक्षित रखने के लिए उन्हें अपने फोन में सेव कर लिया। पूछताछ करने पर पहले तो पत्नी ने सब कुछ झूठ बताया, लेकिन जब उसे वीडियो और फोटो दिखाए गए तो वह चुप हो गई और अपनी गलती स्वीकार कर ली। इसके बाद वह बिना कुछ कहे ससुराल छोड़कर मायके चली गई और फिर कभी वापस नहीं आई।

पति ने बताया कि उसने पत्नी को कई बार फोन कर समझाने की कोशिश की, मगर उसने वापस आने से इनकार कर दिया। करीब तीन साल तक पत्नी के न लौटने पर पति ने अदालत में परित्याग के आधार पर तलाक की याचिका दायर की।

अदालत ने नोटिस जारी कर पत्नी को सूचित किया, लेकिन उसकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद अदालत ने एक पक्षीय कार्यवाही शुरू की। पति ने खुद गवाही दी और दो अन्य गवाह पेश किए। साथ ही प्रमाण के रूप में फोटोग्राफ, प्रमाणपत्र और पेन ड्राइव में रिकॉर्ड वीडियो पेश की गई।

सभी साक्ष्यों और गवाहों के बयानों का अवलोकन करने के बाद अदालत ने माना कि पत्नी ने बिना किसी उचित कारण के पति को दो साल से अधिक समय तक छोड़ रखा है और उसके साथ वैवाहिक संबंध समाप्त कर दिए हैं। अदालत ने कहा कि यह परित्याग का स्पष्ट मामला है, इसलिए विवाह को समाप्त किया जाता है।

फैसले में कहा गया कि दोनों पक्षों के बीच सुलह या पुनर्मिलन की कोई संभावना नहीं है और विवाह अब पूरी तरह टूट चुका है। इस प्रकार अदालत ने परित्याग के आधार पर विवाह को भंग करते हुए पति की याचिका स्वीकार कर ली।

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