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शिमला, 13 सितंबर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार अगले एक वर्ष के भीतर प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में उल्लेखनीय सुधार करेगी। उन्होंने कहा कि इस पहल से प्रदेशवासियों को इलाज के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उन्हें यहीं उपलब्ध होंगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार मेडिकल कॉलेजों की कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित कर रही है। अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाना और टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी शुरू की जा चुकी है। आने वाले समय में इस सुविधा का विस्तार अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों में कर्मचारियों, आधुनिक उपकरणों और मशीनरी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और तकनीकी कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने साफ-सफाई पर विशेष जोर देते हुए चेतावनी दी कि लापरवाही की स्थिति में संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि चमियाना, हमीरपुर और चंबा मेडिकल कॉलेजों में 25-25 करोड़ रुपये की लागत से स्वचालित प्रयोगशालाएं स्थापित होंगी। चंबा मेडिकल कॉलेज में क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण इस साल अक्तूबर तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, वहीं शैक्षणिक ब्लॉक के लिए 100 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज चंबा में वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए छात्रावास भी बनाए जाएंगे।
सुक्खू ने कहा कि नर्सिंग स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए नाहन, हमीरपुर, कुल्लू और चंबा में अगले शैक्षणिक सत्र से नर्सिंग कॉलेज शुरू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थान अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप डॉक्टर-रोगी और नर्स-रोगी अनुपात सुनिश्चित करेंगे। साथ ही सभी मेडिकल कॉलेजों से ओपीडी और आईपीडी से संबंधित डेटा मांगा गया है।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, विशेष सचिव अश्विनी शर्मा, निदेशक स्वास्थ्य शिक्षा राकेश शर्मा, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं गोपाल बेरी सहित सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य वर्चुअली शामिल हुए।
