Click Here to Share Press Release Through WhatsApp No. 82196-06517 Or Email - pressreleasenun@gmail.com

हिमाचल : सितंबर माह खत्म होने पर भी नहीं मिली पेंशन, CM सुक्खू ने दिया बड़ा बयान

News Updates Network
By -
0
न्यूज अपडेट्स 
शिमला, 30 सितंबर। हिमाचल प्रदेश में हिमाचल पथ परिवहन निगम एचआरटीसी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सितंबर माह की पेंशन अभी तक नहीं मिली है। 30 तारीख बीत जाने के बावजूद पेंशन का भुगतान न होने से पेंशनरों में भारी रोष है। बुजुर्ग पेंशनरों ने सरकार और निगम प्रबंधन पर नाराजगी जताते हुए ऐलान किया है कि वे अब आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बयान ने इन पेंशनरों के रोष को और भी बढ़ा दिया है। जिसमें सीएम सुक्खू ने अगले चार से पांच माह वेतन और पेंशन में देरी की बात कही है।

पेंशनरों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन के बहुमूल्य साल निगम को दिए और आज बुजुर्गावस्था में उन्हें उनके हक की पेंशन के लिए तरसना पड़ रहा है। उनका आरोप है कि निगम प्रबंधन बार-बार वित्तीय संकट का बहाना बनाकर पेंशन का भुगतान टाल रहा है। पेंशनरों ने साफ कहा है कि अब वे चुप नहीं बैठेंगे। 15 अक्टूबर को पेंशनर्स संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले शिमला मुख्यालय के बाहर धरना दिया जाएगा और इसके बाद सचिवालय का घेराव किया जाएगा।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मौजूदा हालात को स्वीकारते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि राज्य इस समय गंभीर आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। ऐसे में आने वाले चार से पांच महीनों तक एचआरटीसी और पर्यटन विकास निगम के कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन-पेंशन मिलने में देरी हो सकती है। सीएम ने भरोसा दिलाया कि सरकार पेंशन और वेतन समय पर देने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन मौजूदा हालात में वित्तीय संतुलन बनाए रखना चुनौती है। उन्होंने इस स्थिति का ठीकरा पिछली भाजपा सरकार की नीतियों पर फोड़ा और कहा कि मौजूदा सरकार सभी मोर्चों पर काम कर रही है, खासकर आपदा प्रभावितों तक राहत पहुंचाने के लिए।

एचआरटीसी में करीब 8500 पेंशनर हैंए जिनके लिए हर माह लगभग 23.50 करोड़ रुपये की जरूरत होती है। इस बार सरकार ने निगम को 56 करोड़ का बजट जारी किया, जिसमें से 46 करोड़ वेतन पर खर्च हो गए। निगम ने सरकार से 12.60 करोड़ की अतिरिक्त मांग की थी, लेकिन केवल एक करोड़ की मंजूरी मिली। मजबूरन निगम ने यह राशि वापस कर दोबारा अतिरिक्त ग्रांट मांगी है ताकि पेंशन जारी हो सके।

पेंशनरों ने आरोप लगाया है कि पिछले एक साल से उन्हें समय पर पेंशन नहीं मिल रही है। रोजमर्रा के खर्चों, दवाइयों और बच्चों की पढ़ाई तक पर इसका असर पड़ रहा है। साथ ही, पिछले दो सालों से चिकित्सा बिलों और डीए का भुगतान भी लंबित है।

संयुक्त संघर्ष समिति के सचिव राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि पेंशनरों के सब्र का बांध अब टूट चुका है। अगर जल्द पेंशन जारी नहीं की गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने अन्य यूनियनों से भी सहयोग मांगा है ताकि निगम प्रबंधन और सरकार पर दबाव बनाया जा सके। यह हालात साफ संकेत दे रहे हैं कि प्रदेश में वित्तीय संकट गहराता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि सरकार पेंशनरों और कर्मचारियों के आक्रोश को शांत करने के लिए क्या ठोस कदम उठाती है।

Post a Comment

0 Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!