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कांगड़ा (देहरा), 30 सितंबर। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के देहरा उपमंडल से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक व्यक्ति ने नौकरी जाने और पत्नी से तलाक होने के सदमे में अपनी जिंदगी खत्म कर ली। घटना से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
जानकारी के अनुसार, रक्कड़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत बलेहड़ा गांव में 45 वर्षीय मुकेश शर्मा ने पंचायत घर के पास आम के पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार सुबह जब ग्रामीणों ने शव देखा तो अफरा-तफरी मच गई। पंचायत प्रधान सुभाष चंद ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पेड़ से नीचे उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
ग्रामीणों ने बताया कि मुकेश शर्मा सीआरपीएफ में नौकरी करते थे, लेकिन कुछ कारणों से उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। नौकरी जाने के बाद उनकी पत्नी ने भी तलाक ले लिया। इन दोनों घटनाओं ने उन्हें भीतर से तोड़ दिया। परिवार के मुताबिक, वह लंबे समय से अवसाद में थे और चंडीगढ़ में उनका इलाज चल रहा था।
परिजनों ने बताया कि मुकेश का सपना था कि वह फिर से अपने पैरों पर खड़े हों और परिवार को संभालें। लेकिन हालात और मानसिक तनाव ने उनके हौसले तोड़ दिए। अक्सर वह कहते थे कि नौकरी और परिवार जीवन का सहारा होते हैं, लेकिन जब दोनों ही छिन जाएं तो जीना कठिन हो जाता है।
इस घटना से गांव में गहरा शोक है। ग्रामीण और परिजन लगातार यही अफसोस जता रहे हैं कि अगर समय रहते उन्हें सहारा और हौसला मिला होता, तो शायद यह काला दिन न देखना पड़ता। थाना प्रभारी संदीप पटियाल ने बताया कि मामला संवेदनशील है और पुलिस परिजनों को हर संभव सहयोग प्रदान करेगी।
मुकेश शर्मा की मौत ने एक बार फिर समाज के सामने बड़ा सवाल खड़ा किया है—क्या हम समय रहते अपने आसपास अवसाद से जूझ रहे लोगों को पहचान और मदद कर पाते हैं?
