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कांगड़ा, 27 सितंबर। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा केंद्रीय सहकारी (KCC) बैंक लिमिटेड में वन टाइम सेटलमेंट (OTS) योजना के तहत ऋण माफी मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जारी है। इस सिलसिले में ED ने दो बैंक अधिकारियों से शिमला स्थित अपने कार्यालय में पूछताछ की। पूछताछ करीब एक घंटे चली, जिसमें अधिकारियों ने अपना पक्ष रखा। ED ने दोनों अधिकारियों से 26 सितंबर तक संबंधित रिकॉर्ड जमा करने को कहा था, जो शुक्रवार को कार्यालय में जमा करवा दिया गया।
मामले का केंद्रबिंदु आरएस बेल्वेडरे होटल को दिया गया 45 करोड़ रुपए का ऋण है। समय पर भुगतान न होने के कारण बैंक ने OTS के तहत केवल 21 करोड़ रुपए ही वसूल किए और शेष 24 करोड़ रुपए माफ कर दिए। यह ऋण 2016 में NPA घोषित किया गया था, जिसके बाद बैंक ने होटल की संपत्ति पर कब्जा करने की कार्रवाई शुरू की थी। बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि बैंक को संपत्ति की नीलामी कर उचित मूल्य वसूलना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
सूत्रों के अनुसार, यह होटल अब कांगड़ा के एक प्रभावशाली नेता से जुड़े लोगों के पास है। आरोप है कि सेटलमेंट राजनीतिक दबाव में किया गया, जिससे बैंक को 24 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। नाबार्ड और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों का उल्लंघन करने के कारण बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
ED मामले की जांच की अगले चरण में उस समय के बोर्ड के सदस्यों से भी पूछताछ कर सकता है। बैंक अधिकारियों द्वारा जमा किए गए रिकॉर्ड का अध्ययन करने के बाद ED आगामी कार्रवाई करेगा। इस हाई-प्रोफाइल मामले ने न केवल बैंक की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि कई वर्षों के कई खुलासों के द्वार भी खोल दिए हैं।