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शिमला, 03 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश सरकार ने छात्रों और आम जनता के लिए परिवहन व्यवस्था में बड़े बदलाव किए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधानसभा में घोषणा की है कि अब छात्रों के बस पास निजी बसों में भी मान्य होंगे। इसके साथ ही हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) में बसों और कर्मचारियों का युक्तिकरण (Rationalization) किया जाएगा। सरकार का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में बसों की कमी को दूर करना है।
विद्यार्थियों को अब बस के सफर के लिए ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ेगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि 200 रुपये में बनने वाला स्टूडेंट पास अब प्राइवेट बसों में भी चलेगा। पास बनाने का काम तेजी से चल रहा है। अब तक करीब 20 हजार छात्र अपने पास बनवा चुके हैं। यह पास एक साल के लिए वैध होगा। इस फैसले से उन छात्रों को फायदा होगा जिनके रूट पर सरकारी बसें कम चलती हैं।
ग्रामीण इलाकों में परिवहन सेवा सुधारने के लिए सरकार एक संयुक्त नीति बना रही है। इसके तहत सरकारी और निजी बस ऑपरेटर मिलकर काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि निजी ऑपरेटरों को 435 नए रूट दिए जाएंगे। इस प्रक्रिया पर काम शुरू हो गया है। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि Himachal Pradesh के किसी भी गांव में बस सेवा की कमी न रहे। लक्ष्य केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि आपसी सहयोग बढ़ाना है।
एचआरटीसी (HRTC) के बढ़ते घाटे को देखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है। निगम के पास तीन हजार बसें हैं, फिर भी सरकार को हर साल 780 करोड़ रुपये की मदद देनी पड़ती है। कई डिपो में जरूरत से ज्यादा स्टाफ और बसें हैं, जबकि कहीं इनकी भारी कमी है। अब जहां स्टाफ ज्यादा है, वहां से उन्हें हटाकर जरूरत वाली जगहों पर भेजा जाएगा।
सरकार ने लंबी दूरी की कुछ बसों के रूट छोटे करने का फैसला लिया है। उदाहरण के लिए, अर्की के कंधर-बग्गा से दिल्ली जाने वाली बस अब केवल चंडीगढ़ तक जाएगी। चंडीगढ़ से दिल्ली के लिए दूसरी बसें आसानी से मिल जाती हैं। सरकार विस्तृत अध्ययन कर रही है ताकि संसाधनों का सही इस्तेमाल हो सके। इसका सीधा असर वेतन और पेंशन के लिए होने वाले प्रदर्शनों को रोकने पर पड़ेगा।
