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लेह, 27 सितंबर। लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची का विस्तार लागू करने की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के दो दिन बाद प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को शुक्रवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इन प्रदर्शनों में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 90 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
लद्दाख पुलिस प्रमुख एस. डी. सिंह जामवाल के नेतृत्व में पुलिस दल ने दोपहर करीब ढाई बजे वांगचुक को हिरासत में लिया और इसके बाद उन्हें राजस्थान के जोधपुर कारागार स्थानांतरित कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार, उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया है। हालांकि, इस संबंध में प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है। एहतियातन लेह क्षेत्र में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
सोनम वांगचुक लंबे समय से ‘लेह एपेक्स बॉडी’ (एलएबी) और ‘कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस’ (केडीए) के साथ मिलकर लद्दाख को राज्य का दर्जा और स्थानीय निवासियों के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने हालिया हिंसा के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है, हालांकि उन्होंने इन आरोपों से साफ इनकार किया है। उनका कहना है कि “बलि का बकरा बनाने से समस्या का समाधान नहीं होगा।”
गौरतलब है कि उनकी गिरफ्तारी ठीक एक दिन बाद हुई है, जब गृह मंत्रालय ने उनके संगठन ‘स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख’ का विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिया था। मंत्रालय ने इसके पीछे वित्तीय गड़बड़ियों और “राष्ट्रीय हित” के विरुद्ध मानी जाने वाली गतिविधियों को कारण बताया था।