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शिमला, 27 सितंबर। हिमाचल प्रदेश खेत-बाड़ी का प्रदेश है। यहां के लोग पशु और खेती के काम में व्यस्त रहते हैं। ऐसे में यहां के गांवों में हमेशा बीज और यूरिया जैसी चीजों की डिमांड बनी रहती है। किसानों को हर सीजन में बीज और खाद की जरूरत महसूस होती है। इन सब चीजों को ध्यान में रखकर अगर कोई व्यक्ति गांव में बीज और खाद की दुकान खोलता है तो उसकी ये दुकान लंबे वक्त तक चल सकती है।
यूरिया बेचने के नियम व शर्तें
सरकार की ओर से बीज और यूरिया की बिक्री के लिए कुछ नियम और शर्तें तय की गई हैं। इन नियमों और शर्तों का पालन करना जरूरी है। अगर आप भी अपने गांव में इस तरह की दुकान खोलना चाहते हैं तो ये जान लीजिए कि इसके लिए आवेदन कैसे करें।
कृषि विभाग से चाहिए इजाजत
मान लीजिए आपको अपने गांव में बीज और यूरिया की दुकान खोलनी है तो सबसे पहले आपको कृषि विभाग की इजाजत लेनी होगी। इसके लिए फॉर्म भरकर जिला कृषि कार्यालय में जमा करवाना होगा।
विभाग चेक करेगा डॉक्यूमेंट्स
आवेदन के साथ आपको अपनी क्वॉलिफिकेशन डीटेल्स, पहचान पत्र और दुकान का पता देना होता है। विभाग आपके डॉक्यूमेंट्स चेक करेगा, फिर तय करेगा कि आपको लाइसेंस मिलना चाहिए या नहीं।
खेती से जुड़ी पढ़ाई है जरूरी
लाइसेंस मिलने के बाद आप अधिकृत बीज कंपनियों से सामान खरीदकर किसानों को बेच सकते हैं। गौरतलब है कि बीज की दुकान खोलने के लिए व्यक्ति के पास खेती से जुड़ी पढ़ाई या अनुभव होना जरूरी है।
इस विभाग की इजाजत जरूरी
यूरिया और बाकी के खादों की दुकान खोलने के लिए आपको खाद एवं रसद विभाग से इजाजत लेना जरूरी है। इसके लिए भी आपको फॉर्म भरकर विभाग में अप्लाई करना होगा।
बिना लाइसेंस नहीं होगी बिक्री
आवेदन के साथ आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पढ़ाई की डिटेल्स और दुकान की पूरी जानकारी देनी पड़ेगी। यूरिया बेचने के लिए अलग से लाइसेंस जारी होता है। ऐसा इसलिए ताकि बिक्री पूरी निगरानी रखी जा सके। बता दें कि बिना लाइसेंस के यूरिया या किसी भा खाद की बिक्री कानूनी अपराध है।