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बिलासपुर, 17 सितम्बर। जिला मुख्यालय स्थित बचत भवन में बुधवार को एयरो स्पोर्ट्स से जुड़ी जिला स्तरीय समिति की बैठक उपायुक्त राहुल कुमार की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि अब बिलासपुर जिले में पैराग्लाइडिंग की किसी भी गतिविधि या प्रशिक्षण शिविर शुरू करने से पहले जिला समिति से स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा।
समिति के अध्यक्ष डीसी बिलासपुर होंगे जबकि इसमें पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अभिमास मनाली के निदेशक, जिला पर्यटन अधिकारी, वन मंडल अधिकारी, संबंधित एसडीएम और स्थानीय एयरो स्पोर्ट्स संघ के प्रतिनिधि सदस्य होंगे।
डीसी राहुल कुमार ने कहा कि पैराग्लाइडिंग शिविरों या प्रशिक्षण के दौरान केवल वही पायलट उड़ान भर सकेंगे जिनके पास मान्य लाइसेंस, बीमा और बंधपत्र होंगे। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश एयरो स्पोर्ट्स विनियमन अधिनियम, 2022 के तहत बचाव उपकरण और ग्लाइडरों की जांच भी अनिवार्य रूप से की जाएगी।
बैठक में पायलटों से लिए जाने वाले न्यूनतम शुल्क और फीस संरचना पर भी चर्चा हुई। उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन स्थानीय युवाओं को एयरो स्पोर्ट्स से जोड़ने के लिए पायलट प्रशिक्षण में आर्थिक मदद करेगा। शुरुआती दौर में प्रत्येक बैच से एक-एक पायलट को जिला प्रशासन की ओर से सहयोग दिया जाएगा।
उन्होंने जानकारी दी कि 15 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक अभिमास संस्थान मनाली द्वारा उन्नत पायलट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें हिमाचल के लगभग 70 और जम्मू-कश्मीर के 20 से अधिक पायलट भाग लेंगे। इसके अलावा 12 से 15 अक्टूबर तक पुणे की एक संस्था भी बिलासपुर में प्रशिक्षण शिविर आयोजित करेगी।
डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन का लक्ष्य बिलासपुर को एक सुरक्षित और सुव्यवस्थित एयरो स्पोर्ट्स केंद्र के रूप में विकसित करना है। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर मिलेंगे और साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
बैठक में पुलिस अधीक्षक संदीप धवल, एडीसी ओमकांत ठाकुर, सहायक आयुक्त नरेंद्र अहलूवालिया, जिला पर्यटन अधिकारी रजनीश शर्मा, अभिमास संस्थान मनाली के प्रभारी गिमौर सिंह, कलूर पैराग्लाइडिंग संघ के अध्यक्ष पुनीत चंदेल तथा पर्यटन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
