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शिमला, 21 अगस्त। विपक्ष की ओर से कर्मचारियों को महंगाई भत्ता जारी नहीं करने का मुद्दा बनाए जाने के बीच प्रदेश सरकार राज्य के विकास कार्यक्रमों के लिए 1500 करोड़ रुपये का नया कर्ज लेगी। राज्य सरकार के वित्त विभाग ने इसके लिए 1000 करोड़ और 500 करोड़ रुपये की दो विशिष्ट अधिसूचनाएं जारी की हैं।
सचिव वित्त डॉ. अभिषेक जैन की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार राज्य सरकार 1000 करोड़ रुपये का कर्ज लेगी। इस पर भी ब्याज का भुगतान हर साल 28 फरवरी और 28 अगस्त को होगा और इसे 28 अगस्त 2040 तक चुका दिया जाएगा। यानी यह ऋण 15 वर्ष की अवधि के लिए लिया जाएगा। एक अन्य अधिसूचना के अनुसार 500 करोड़ रुपये का कर्ज 10 साल की परिपक्वता अवधि के लिए लिया जाएगा। इस पर ब्याज का भुगतान हर साल 28 फरवरी और 28 अगस्त के बीच किया जाएगा। इसका पुनर्भुगतान 28 अगस्त 2035 को होगा। इसके लिए स्टॉक की नीलामी 26 अगस्त 2025 को आरबीआई के मुंबई स्थित कार्यालय में होगी।
इन ऋणों से प्राप्त राशि का उपयोग हिमाचल प्रदेश के विकास कार्यक्रमों के लिए किया जाएगा। ब्याज दर का निर्धारण नीलामी में निर्धारित नियमोंके आधार पर किया जाएगा। सफल बोलीदाताओं को 28 अगस्त 2025 को भुगतान करना होगा। इस ऋण के लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 293(3) के अनुसार केंद्र सरकार की सहमति प्राप्त की गई है।
लंबित देनदारियों के तहत हिमाचल को मिलेंगे 42 करोड़
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए बड़ी राहत देते हुए 42.38 करोड़ रुपये की लंबित देनदारियों को निपटाने की अनुमति दे दी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार यह राशि 2014-15 से 2024-25 की अवधि के दौरान बकाया रही विभिन्न दावों और क्षतिपूर्ति के निपटान के लिए स्वीकृत की गई है।
मंत्रालय के पत्र में स्पष्ट किया गया है कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2023-24 में आई प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान के लिए 32.38 करोड़ रुपये और वर्ष 2024-25 में 10 करोड़ रुपये विशेष मामले के रूप में स्वीकृत किए गए हैं। इस प्रकार कुल 42.38 करोड़ रुपये की राशि जारी की जाएगी। आदेश में कहा गया है कि सभी लंबित दावों को मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025-26 के भीतर निपटाना अनिवार्य होगा। यदि तय समय पर नहीं निपटाया गया तो भविष्य में ऐसे दावे स्वीकार नहीं किए जाएंगे। मंत्रालय ने समय सीमा 31 अक्तूबर 2025 निर्धारित की है। इस स्वीकृति के बाद हिमाचल को आपदाओं से प्रभावित सड़कों और पुलों की मरम्मत व रखरखाव के लिए राहत मिलेगी।