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शिमला, 13 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस सीट पर भाजपा ने मशहूर एक्ट्रेस कंगना रनौत को उतारा है। हिमाचल में पहली बार कोई सेलिब्रिटी चुनाव में किस्मत आजमा रही है। कांग्रेस ने इस सीट पर अभी अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह को कांग्रेस यहां से अपना उम्मीदवार बना सकती है। यही वजह है कि कंगना और विक्रमादित्य एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं।
कंगना ने शुक्रवार को मनाली में एक चुनावी जनसभा में कहा कि विक्रमादित्य सिंह उनके छोटे भाई हैं और वह उनसे नाराज ही रहते हैं। कंगना ने तंज कसते हुए कहा कि मैंने उनको राजा बेटा और राजा बाबू जैसे प्यारे नाम दिए लेकिन वो इससे खफा हो गए। हमने उनको छोटा पप्पू क्या बोल दिया वह तो मुंह फुला कर बैठ गए। कंगना यहीं नहीं रुकी उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई उनकी तुलना शीर्ष नेतृत्व से करे, तो वो गदगद हो जाएं। लेकिन विक्रमादित्य की उन्होंने उनके शीर्ष नेता से तुलना क्या कर दी, वो नाराज हो गए।
कंगना ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस की सरकार में मंत्री हैं। कांग्रेस ने वायदा किया था कि प्रदेश में पेंशन स्कीम शुरू करेंगे, कांग्रेस सरकार ने इस स्कीम को क्या शुरू किया। मोबाइल अस्पताल बनाने की बात कही गई थी, मोबाइल बैनें घर-घर जाकर मुफ्त इलाज करेंगी, मंडी में इस तरह की बैन किसी ने नहीं देखी। कांग्रेस ने 5 से 6 लाख नौकरियों की घोषणा की थी, महिलाओं-बेटियों को 1500 रुपये हर महीने देने की बात कही थी। लेकिन न नौकरियां मिलीं और न महिलाओं को 1500 रुपये। बागवानों को समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा।
कंगना ने कहा कि “बिक्रम भइया अगर आप से काम की बात करें तो आप उल्टी बात करते हैं और जब आपसे उल्टी बात करें तो कहते कि हमें सीधी बात करनी है, तो आपसे बात कौन सी करें।” कंगना बोली कि “काम की बात अगर इस देश में कोई करता है, कर के दिखाता है और डंके की चोट पर गारंटी बोल कर शुरू करता है और गारंटी से डिलीवर करता है, वो एक ही है नरेंद्र मोदी।”
कांग्रेस नेता और विक्रमादित्य सिंह ने कंगना रनौत पर पलटवार करते हुए हिमाचल के मसलों पर कंगना को होमवर्क करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कंगना होमवर्क करके नहीं आती। उन्हें हिमाचल के मुद्दों की जानकारी जुटानी चाहिए। उनके साथ चलने वाली मीडिया टीम को इन मुद्दों से उन्हें अवगत करवाना चाहिए। विक्रमादित्य बोले कि कंगना ने अपने भाषण में ओपीएस की बात की है तो उन्हें पता होना चाहिए कि हिमाचल सरकार ओपीएस लागू कर चुकी है और ऐसा करने वाली हिमाचल पहला राज्य बना है। कंगना अगर कर्मचारियों की इतनी ही हितेषी है तो वह केंद्र के पास फंसा कर्मचारियों का 9000 करोड़ रुपये प्रदेश को दिलाने में अपना योगदान दें।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल के चुनाव ग्लैमरस की बजाय यहां के मुद्दों पर लड़ जायेंगे। कंगना ने पिछले कल हमारे पूर्वजों की बात की, लेकिन हमें उनसे कोई सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। विक्रमादित्य सिंह ने आगे कहा कि उनके पिता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह को राजा इसलिए नहीं कहा जाता है कि वह किसी रियासत के राजा थे। वह छह बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, केंद्रीय मंत्री रहे और उन्होंने प्रदेश की लंबे समय तक सेवा की।
उन्होंने कंगना पर निशाना साधते हुए कहा कि बेतुकी बातों से लोगों का दिल नहीं जीता जाता,बल्कि इसके लिए धरातल पर काम करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कंगना का यह बयान कि भारत को आजादी ही 2014 में मिली है, दुर्भाग्यपूर्ण है और यह कहकर उन्होंने न केवल भारतवासियों को बल्कि भाजपा के कदावर नेता व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी अपमान किया है जो 1998 से 2003 तक देश के प्रधानमंत्री थे। उसे समय वाजपेयी सरकार द्वारा न्यूक्लियर टेस्ट करवाया गया, जो देश के आंतरिक सुरक्षा के लिए जरूरी था। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कंगना के इस तरह के बयान चिंताजनक हैं और आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को इस बारे चिंतन व मंथन करना चाहिए।