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बिलासपुर, 21 दिसंबर। बिलासपुर में बहुचर्चित HRTC सब इंस्पेक्टर थप्पड़ कांड में अब एक नया मोड़ सामने आया है। अब तक सामने आई रिपोर्टों में यह दावा किया जा रहा था कि टिकट न बनाने के चलते परिचालक ने सब इंस्पेक्टर से हाथापाई की, लेकिन मामले की जमीनी पड़ताल में कहानी कुछ और ही नजर आ रही है।
जानकारी के अनुसार यह घटना वीरवार की है, जब बिलासपुर डिपो की HRTC बस (HP 69-3840) बिलासपुर से धर्मशाला रूट पर जा रही थी। बस में परिचालक करण कुमार ड्यूटी पर तैनात थे। जैसे ही बस हमीरपुर बस अड्डे से लगभग दो किलोमीटर पहले दोसड़का पड़ाव पर पहुंची, उसी दौरान एक उपनिरीक्षक बस में चेकिंग के लिए सवार हुआ।
दावा किया गया कि टिकट जांच के दौरान एक महिला यात्री बिना टिकट पाई गई। इसी को लेकर विवाद बढ़ा और बाद में परिचालक पर हाथापाई के आरोप लगाए गए। हालांकि, निलंबित परिचालक करण कुमार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
परिचालक करण कुमार का कहना है कि बस में कोई भी यात्री बिना टिकट नहीं था और उन्हें जानबूझकर गलत फंसाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब उपनिरीक्षक ने महिला यात्री के बिना टिकट होने की बात कही तो उनसे उस महिला की पहचान बताने को कहा गया, लेकिन उपनिरीक्षक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाए। करण कुमार के अनुसार, स्थिति स्पष्ट करने के लिए उन्होंने बस को हमीरपुर बस अड्डे में रोकने की बात कही, लेकिन उपनिरीक्षक ने जानबूझकर बस को अड्डे से आगे निकलवा दिया और मिल्खी राम पंप के पास लॉगबुक में जबरन रिपोर्ट दर्ज कर दी।
सूत्रों के अनुसार, उपनिरीक्षक द्वारा पूरी तरह टिकट जांच न किए जाने की भी बात सामने आ रही है। कुछ टिकटें बिना राइट मार्क के पाई गई हैं, जबकि आमतौर पर निरीक्षण के दौरान चेक की गई टिकटों पर पेन से निशान लगाया जाता है। इससे यह संदेह गहराता है कि सभी यात्रियों की टिकटें वास्तव में जांची ही नहीं गईं।
रिपोर्ट में महिला यात्री के पट्टा से हमीरपुर तक बिना टिकट यात्रा करने का दावा किया गया है। उल्लेखनीय है कि HRTC में महिला यात्रियों को राज्य के भीतर आधा किराया देना होता है, जिसके अनुसार पट्टा से हमीरपुर का किराया 32 रुपये बनता है। ऐसे में 62 रुपये हड़पने का आरोप बिना पूरी जांच के लगाए जाने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
कई यात्रियों का कहना है कि जब दो निरीक्षक भी बस की चेकिंग करते हैं तो पूरी बस जांचने में समय लगता है, जबकि इस मामले में मात्र दो किलोमीटर के भीतर करीब 60 यात्रियों की टिकट जांच कर लेने का दावा समझ से परे है। कुछ यात्रियों ने यह भी बताया कि उस दौरान बीच रास्ते में बस कहीं नहीं रुकी थी।
एक और अहम सवाल यह है कि यदि बस में विवाद की स्थिति बन गई थी और महिला यात्री बिना टिकट पाई गई थी, तो हमीरपुर बस अड्डे पर बस को संबंधित अधिकारी द्वारा क्यों नहीं रुकवाया गया। यह भी जांच का विषय बना हुआ है। इस मामले में एकतरफा कार्रवाई करते हुए सिर्फ परिचालक को निलबित किया गया जबकि उप निरीक्षक पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है।
फिलहाल इस मामले में क्रॉस केस दर्ज किया गया है और पुलिस जांच जारी है। अब देखना यह होगा कि जांच कितनी निष्पक्ष होती है और सच्चाई कब सामने आती है। इस प्रकरण में प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से संज्ञान लेने की मांग की जा रही है। बताया यह भी जा रहा है कि कथित कुछेक निरीक्षकों के द्वारा बिना वजह गलत रिपोर्टें बनाई जाती है।
