बिलासपुर : स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अब नहीं होगी पर्ची और रिपोर्ट की जरूरत, आभा कार्ड पर होगी पूरी जानकारी : DC आबिद हुसैन

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बिलासपुर 25 नवंबर: जिला मुख्यालय के बचत भवन में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला की शत प्रतिशत जनसंख्या का आभा कार्ड बनाने के लिए उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक की अध्यक्षता में विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला बिलासपुर के सभी उप मंडल अधिकारियों सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों अधिकारियों और जिला के सभी स्वास्थ्य विभाग के जुड़े अधिकारियों को वर्चुअल माध्यम से जोड़ा गया।

आबिद हुसैन सादिक (Aabid Hussain Sadiq) ने बताया कि आधार कार्ड की तरह ही स्वास्थ्य विभाग हर व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य सेवाएं लेने के लिए आभा कार्ड (Aabha Card) बना रही है। आयुष्मान भारत हैल्थ अकांउट यानि आभा कार्ड से अब मरीज़ों की मेडिकल हिस्ट्री ऑनलाइन उपलब्ध होगी। लोगों को अब स्वास्थ्य सेवाएं लेते समय रिपोर्ट्स या पर्ची ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अस्पतालों (Hospitals) में मरीजों को उपचार करते समय डाक्टरों को यह हिस्ट्री कार्ड पर उपलब्ध हो जाएगी। इसके अतिरिक्त ऑनलाइन इलाज, टेलीमेडिसिन, निजी डॉक्टर, ई फार्मेसी और पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड जैसी सुविधाएं लेने में भी आसानी होगी।

उपायुक्त बिलासपुर (DC Bilaspur) ने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा है कि सभी जिलावासी जल्द से जल्द अपना आभा कार्ड अवश्य बनाएं। उन्होंने बताया कि पीजीआई चंडीगढ़ में उपचार के लिए अब आभा कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है यानी कोई भी व्यक्ति पीजीआई चंडीगढ़ में बिना आभा कार्ड के अपना इलाज नहीं करवा सकेगा और जल्द ही अन्य एम्स और बिलासपुर एम्स में भी आभा कार्ड को अनिवार्य किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग (Health) जिला में आयुष्मान भारत हैल्थ अकाउंट बना रहीं हैं। सरकार ने 31 दिसंबर तक सभी लोगों के आभा कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा है। बिलासपुर ज़िला में आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों के आभा कार्ड बनाने का काम कर रही हैं। कार्ड में आपके स्वास्थ्य से संबंधित पूरी जानकारी डिजिटल फॉर्मेट में दर्ज होती रहेगी। पूरी मेडिकल हिस्ट्री अपडेट होगी। जब आप किसी अस्पताल में इलाज कराने जाएंगे, तो आपको पुराने सभी रिकार्ड वहीं डिजिटल फॉर्मेट में मिल जाएंगे। अगर आप किसी दूसरे शहर के अस्पताल भी जाएं, तो वहां भी यूनीक कार्ड के जरिए डाटा देखा जा सकेगा।

ऐसे में इससे डाक्टरों को इलाज में आसानी होगी। साथ ही कई नई रिपोर्ट्स या प्रारंभिक जांच आदि में लगने वाला समय और धन खर्च बच जाएगा। आभा कार्ड पर कोई भी आपकी मेडिकल हिस्ट्री नहीं देख सकता है। कार्ड में दर्ज डाटा तभी देखा जा सकेगा, जब आप उसका ओटीपी नंबर बताएंगे। वहीं बच्चों के टीकाकरण से लेकर बड़े होने तक की सभी बीमारियों के उपचार के लिए अलग-अलग स्वास्थ्य पोर्टल बने हुए है। इन पोर्टल पर मरीज़ों की जानकारियां अपलब्ध होती हैं। इन सभी पोर्टल के साथ आभा आईडी लिंक की जाएगी। ऐसे में सभी टीकाकरण से लेकर अन्य सभी रोगों की जानकारी आभा आईडी पर उपलब्ध हो जाएगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रवीण कुमार ने बताया कि जिला बिलासपुर में अब तक 53 प्रतिशत यानी 220037 लोग ही अपना आधार कार्ड बन चुके हैं। प्रवीण कुमार ने बताया कि आभा कार्ड बनने से इलाज के लिए हर जगह रिपोर्ट्स या पर्ची ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अतिरिक्त आभा कार्ड में आपका ब्लड ग्रुप, बीमारी या समस्या, दवाई और डॉक्टर से संबंधित सभी जानकारी मौजूद रहेगी। इस कार्ड में अपने सभी मेडिकल रिकॉर्ड्स, लैब रिपोर्ट और डायग्नोज दिखा सकेंगे। इस कार्ड से बीमा कंपनियों को भी जोड़ा गया है जिससे आपको बीमा का लाभ लेने में भी आसानी होगी।मेडिकल रिकॉर्ड्स को अस्पताल क्लीनिक और इंश्योरेंस कंपनी के साथ आसानी से शेयर करने में सहायता मिलेगी । 

बैठक में उपायुक्त बिलासपुर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सभी स्कूलों में बच्चों के आभा कार्ड बनाने के लिए जल्द से जल्द पंजीकरण करने के निर्देश दिए इसके अतिरिक्त महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी को भी इस संबंध में गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए।

खुद भी बना सकेंगे आभा कार्ड: आभा कार्ड (आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट) बनाने के लिए अब लोगों को लोकमित्र केंद्र जाने की भी जरूरत नहीं है। हिमाचल में आभा कार्ड बनाने का काम वैसे तो आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से किया जा रहा हैं, लेकिन आप खुद भी आभा कार्ड बना सकते हैं। इसके लिए आपका भारत सरकार के आयुषमान भारत हैल्थ अकाउंट यानि आभा पोर्टल पर जाना होगा। इस पोर्टल पर आप आभा कार्ड स्वयं बना सकते हैं, इसके लिए मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक होना अनिवार्य है। ऐसे में जरूरी है कि कार्ड बनाने से पहले आप अपना मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक करवाएं।

यह हैं आभा कार्ड के लाभ: आभा कार्ड बनने से मरीज को इलाज के लिए हर जगह रिपोर्ट या पर्ची लेकर जाने की जरूरत नहीं होगी। स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारी इस कार्ड में उपलब्ध होगी। यह कार्ड बीमा कंपनियों से भी जुड़ा है जिससे बीमा का भी फायदा मिलेगा। ऑनलाइन इलाज, टेलीमेडिसिन, निजी डॉक्टर, ई फार्मेसी और पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड जैसी सुविधाएं मिल सकेगी ।

कैसे बनेगा कार्ड: आयुष्मान डिजिटल हेल्थ मिशन की वेबसाइट खोलें। अब होम पेज पर क्रिएट योर आभा नंबर के विकल्प को क्लिक करें। इस पर आभा नंबर जनरेट करने के लिए दो अलग-अलग तरह के ऑप्शन दिखाई देंगे, जो आपको आसान लगे उसे चुनें। आधार नंबर ऑप्शन पर क्लिक करें और अगले पेज पर उसका नंबर डालकर सबमिट कर दें। रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आपको एक ओटीपी दिखाई देगा। इसे डालकर आप आभा कार्ड का एप्लिकेशन भर दें। एप्लिकेशन में पूछी गई जानकारी देने के बाद उसे सबमिट करें। इसके बाद अपनी फोटो अपलोड कर दें। इसके लिए माई अकाउंट पर क्लिक करना होगा। फिर दिए गए ऑप्शन में से एडिट प्रोफाइल पर क्लिक कर अपना फोटो अपलोड करें। यह प्रक्रिया पूरी होने पर सबमिट बटन पर क्लिक कर दें। आभा कार्ड बन जाएगा। कार्ड बनने के बाद इसे डाउनलोड करें और प्रिंट ले लें।

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