शिमला: हाई कोर्ट को गुमराह करने पर लगाया 30 हजार का जुर्माना

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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने डीओ नोट पर तबादला करवाने वाले अधीक्षक पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अदालत ने आदेश दिए कि इस राशि में से 15 हजार रुपये प्रतिवादी को देने होंगे और शेष 15 हजार रुपये हाईकोर्ट एडवोकेट वेलफेयर फंड में जमा करवाने होंगे। 

अदालत ने 11 अक्तूबर को अनुपालना रिपोर्ट तलब की है।  हाईकोर्ट के ध्यान में यह मामला आने के बाद न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए यह आदेश दिए हैं। 

पशुपालन विभाग में  कार्यरत श्रेष्ठा शर्मा का तबादला 17 अगस्त 2022 को चंबा से शिमला किया गया था। शिमला कार्यालय में तैनात मंजू शर्मा को याचिकाकर्ता की जगह भेजा गया था। 

हाईकोर्ट के समक्ष इन तबादला आदेशों को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि उसका तबादला प्रतिवादी ने डीओ नोट पर करवाया है। अदालत ने इस मामले का पूरा रिकॉर्ड तलब कर पाया कि याचिकाकर्ता खुद डीओ नोट की लाभार्थी है और पिछले 32 सालों से जिला चंबा में ही तैनात है।

पहली बार उसे शिमला स्थानांतरित किया गया है। अदालत को गुमराह करने पर खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को उदाहरणात्मक जुर्माना लगाया है। बता दें कि डीओ नोट पर किए गए तबादला आदेशों को हाईकोर्ट ने गलत ठहराया है। अदालत के इसी निर्णय का लाभ पाने के लिए याचिकाकर्ता ने अदालत को गुमराह किया कि उसका तबादला डीओ नोट पर किया गया है। याचिकाकर्ता ने उसके तबादला आदेशों को रद्द करने की गुहार लगाई थी

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