हिमाचल के सांसद व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर मामले की जांच कराने के मांग के बजाए चुप्पी साधे हुए हैं। उन्हें भी जनता को इसका जवाब देना चाहिए। सुरजीत ठाकुर ने कहा कि सीबीआई ने दिल्ली में मनीष सिसोदिया के घर छापा मारा, लेकिन सीबीआई को कुछ नहीं मिला। सीबीआई के अधिकारियों ने मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर की भी जांच की। उसमें भी कुछ नहीं मिला है।
जितेंद्र कुमार सीबीआई में डिप्टी लीगल एडवाइजर के पद पर कार्य कर थे। अधिकारी की आत्महत्या से साबित होता है कि किस तरह से भाजपा की तानाशाह सरकार दबाव बनाकर अधिकारियों को प्रताड़ित कर रही है। जितेंद्र कुमार मंडी जिले के रहने वाले थे। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इस मामले में चुप क्यों हैं।
सिसोदिया के आरोपों पर मृतक जितेंद्र के परिवार का किनारा
उधर, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आरोपों पर मृतक जितेंद्र ठाकुर के परिवार ने किनारा कर लिया है। हिमाचल के रिवालसर में रहने वाले जितेंद्र के बड़े भाई राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि राजनीति से उनके परिवार को कोई लेना-देना नहीं है। इस घटना को वह राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहते, लेकिन उनके भाई ने आत्महत्या जैसा कदम क्यों उठाया, इसके कारणों की जांच होनी चाहिए।
वह विभागीय जांच भी मांग कर चुके हैं। करीब एक माह से जितेंद्र काफी दबाव में थे। मां और बहन से इस बात का भी जिक्र किया था कि कुछ सीनियर ऑफिसर उन्हें दिल्ली से मुंबई में स्थानांतरित करने की धमकी दे रहे हैं। नौकरी से इस्तीफा देने की कोशिश भी की। उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया। उनके भाई बेहद साधारण व्यक्तित्व वाले थे। ऊंचे ओहदे पर रहते हुए भी उन्होंने ईमानदारी से अपने कार्यों का निर्वहन किया है।