हिमाचल :शिमला मटौर फोरलेन फोरेस्ट क्लीयरेंस में पेच फंसने से लटका काम

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शिमला-मटौर फोरलेन में पैकेज 5-बी का टेंडर होने के बावजूद इसका काम शुरू नहीं हो पाया है। रानीताल से कांगड़ा तक के 18 किलोमीटर के इस पैच का 1140 करोड़ रुपये का टेंडर गाबर कंपनी को मिला है। इसमें भूमि अधिग्रहण के लिए 210 करोड़ में से 186 करोड़ भू-मालिकों को दिया जा चुका है। अभी तक वन विभाग की क्लीयरेंस में देरी के कारण इसका काम शुरू नहीं हो पाया है। 

इसी तरह पैकेज 4 का कांगड़ा से सिल्वन हमीरपुर तक 37 किलोमीटर पैच का काम मार्च तक अवार्ड हो जाएगा। इस पर 1100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। नौणी से शालाघाट के 35 किलोमीटर फोरलेन की डीपीआर मार्च तक बन जाएगी। इसके बाद इसका हेडक्वार्टर दिल्ली से टेंडर आमंत्रित किया जाएगा।

हालांकि इस फोरलेन की डबल लेन और फोरलेन की डीपीआर पहले ही 2019 में भेजी जा चुकी है, लेकिन एनएचएआई इसकी दोबारा डीपीआर बनवा रहा है। एनएचएआई के सूत्रों के अनुसार इसमें आंशिक रूप से ही परिवर्तन होगा। शिमला-मटौर फोरलेन के परियोजना निदेशक विक्रम मीणा ने बताया कि फोरेस्ट क्लीयरेंस में देरी के कारण पैकेज 5-बी का कार्य  शुरू नहीं हो पाया है। कांगड़ा -सिल्वन हमीरपुर का काम मार्च में अवार्ड हो जाएगा। उन्होंने बताया कि नौणी-शालाघाट फोरलेन की डीपीआर मार्च तक बन जाएगी। इसका सर्वे किया जा रहा है।

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