चंड़ीगढ़. पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ बेहाल है. यहां पर निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी हड़ताल पर हैं. हालांकि, मंगलवार देर शाम प्रशानस के साथ वार्ता के बाद हड़ताल खत्म करने की सहमति बन गई थी. लेकिन अब यूनियन के कुछ पदाधिकारियों को पुलिस हिरासत में लेने से मामला उलझ गया है. वहीं, 24 घंटे बाद भी कुछ इलाकों में बिजली नहीं आई है. वहीं, कई इलाकों में बिजली बहाल हो गई है.
दरअसल, बिजली विभाग के कर्मचारियों ने 72 घंटों का पक्का मोर्चा लगाया है. बिजली कट के कारण कई घरों में पानी की सप्लाई भी नहीं हो पाई है. कई सेक्टरों में बिजली कट लगने से खासी परेशानी हुई. दूसरी ओर, कई लोगों ने बताया कि प्रशासन की ओर से पॉवर कट की सूरत में जो हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए थे, वह नहीं मिल रहे. यूटी पावरमैन यूनियन सोमवार रात 11 बजे से ही स्ट्राइक पर गया था.
जानकारी के मुताबिक, बिजली कर्मियों की हड़ताल शुरु होने से सुबह सेक्टर-22-ए, 35-ए, 35-बी, 43, मौलीजागरां, विकास नगर, मौली पिंड, 44, 45-सी, 45, सेक्टर 30, 42-बी, 52, 53, 53, 56, 41-ए, 63, 50, किशनगढ़, 28-D, 37, 38, 38(वेस्ट), 27 और मनीमाजरा के कई हिस्सों में लाइट कट गई है. शहर के कई सेक्टरों में लाइट प्वाईंट्स पर ट्रैफिक लाइट्स भी बंद रही. चौक से आते भारी ट्रैफिक के बीच सेक्टर 20 के गुरुद्वारा चौक की लाइट भी बंद रही. यहां ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी ट्रैफिक कंट्रोल के लिए नजर नहीं आए. ऐसा ही हाल शहर के कई लाइट प्वाईंट्स पर भी नजर आया.
चंडीगढ़ पीजीआई पर भी दिखा चंडीगढ़ बिजली विभाग की स्ट्राइक का असर पीजीआई ने जारी की स्टेटमेंट कि चंडीगढ़ प्रशासन से कोर्डिनेट किया गयाहै. पीजीआई को बिना रुके बिजली मिलती रहे इसके अलावा अगर बिजली जाती भी है तो बैकअप के लिए डीजे सेट तैयार रखे गए हैं जो पीजीआई के हर एक रेडिकल एरिया में मौजूद है. चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में बिजली सप्लाई को शहर में फिर से सुचारु रुप से चलाने के लिए पंजाब और हरियाणा से आउटसोर्सिंग पर 400 कर्मचारी बुलाए थे. लेकिन कर्मचारी नहीं मिले हैं.
मेयर ने खुद माना है कि उन्हें शहर में कई सेक्टरों में बिजली जाने की शिकायतें आ रही हैं. कर्मचारी यूनियनों का धरना दिया और सेक्टर 17 में परेड ग्रांउड के पास यह धरना चल रहा है. पावर यूनियन बिजली विभाग के निजीकरण के फैसले के खिलाफ है और इस मुद्दे को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में भी जा चुकी है. यूनियन का दावा है कि करोड़ों का मुनाफा कमाने वाले चंडीगढ़ बिजली विभाग को कोड़ियों के भाव में बेचा जा रहा है. इसके खिलाफ देशभर के बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर लामबंद हो गए हैं.
यूनियन के कर्मचारी हिरासत में लिए
सर्व कर्मचारी संघ नेता सुभाष लाम्बा और उनके एक साथी को चंडीगढ़ पुलिस ने हिरासत में लिया है. सुभाष लाम्बा ने कहा कि देर रात प्रशासन के साथ बातचीत के बाद सहमति बन गई थी लेकिन फिर भी मुझे हिरासत में लिया गया. लाम्बा ने कहा कि हमने हड़ताल वापस लेने का फैसला कल रात कर लिया था. एडवाजर से बातचीत के बाद हमें आश्वाशन मिला था कि हाईकोर्ट के आदेश से पहले कोई निजीकरण का कदम नहीं उठाया जाएगा. लेकिन जिस तरह हमे पुलिस ने हिरासत में लिया गया है, चंडीगढ़ प्रशासन के इरादे ठीक नहीं लग रहे हैं.