हिमाचल : सरकार और पुलिस विभाग को सरेआम धमकियां , पुलिस हाथ धरे बैठी : पढ़ें पूरी खबर

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हिमाचल में जातीय आधार पर लोगों को भड़काने वाले देवभूमि क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष रूमित सिंह ठाकुर को आखिर एक साल बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक रूमित सिंह ठाकुर को उसकी ससुराल से पकड़ा गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रूमित सिंह ठाकुर को एससी एसटी एक्ट में गिरफ्तार किया गया है क्योंकि इसने सरेआम दलित समाज के लोगों पर लठ्ठ चलाने की बात कही थी।जानकारी के मुताबिक सिरमौर पुलिस ने एक दलित समाज के व्यक्ति की शिकायत पर एक एससी एसटी एक्ट का मामला दर्ज किया था। 

जिसके विरोध में रूमित सिंह ठाकुर एएसपी सिरमौर से मिला था तथा उसने एससी एसटी एक्ट का मामला खत्म करने की मांग की थी। उसी दौरान रूमित सिंह ठाकुर ने एक लाइव वीडियो में एससी एसटी समाज के लोगों को धमकी दी थी कि एससी एसटी एक्ट में मुकदमें दर्ज मत करवाओ नही तो वह एससी एसटी समाज के लोगों पर लठ्ठ चलाएंगे। 

रूमित सिंह के इस वीडियो पर संज्ञान लेते हुए एससी एसटी समाज के लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी जिसके चलते रूमित सिंह पर एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया और उसको उसकी ससुराल से गिरफ्तार किया गया है और नाहन पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखा गया है। जानकारी मिली है कि इस मामले में विधायक राकेश सिंघा ने भी हस्तक्षेप किया है। जिसके चलते पुलिस को तत्काल गिरफ्तारी करनी पड़ी। 

आपको बता दें कि एससी एसटी एक्ट में प्रावधान है कि अपराधी को तत्काल गिरफ्तार करना पड़ता है और इस तरह के मुकदमें जमानत हाई कोर्ट द्वारा ही दी जाती है।ताजा जानकारी के मुताबिक कई स्वर्ण समाज के लोग आज सुबह नाहन पुलिस स्टेशन के बाहर खड़े नजर आए है जोकि रूमित सिंह ठाकुर के पक्ष में नारेबाजी कर रहे है। सभी लोग रूमित सिंह को छोड़ने की गुहार लगाते और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आ रहे है। 

इस दौरान भाषण देते हुए मदन ठाकुर ने हिमाचल सरकार और पुलिस विभाग को धमकियां देते नजर आए। भाषण के लाइव वीडियो मेंसाफ नजर आ रहा है कि मदन ठाकुर कानून और सरकार के खिलाफ आम जनता को भड़का रहा है तथा पुलिस कर्मी हाथ पर हाथ धरे नजर आ रहे है। कोई भी पुलिस कर्मी या अधिकारी मदन ठाकुर के खिलाफ कार्यवाही करता नजर नही आ रहा है।

उपरोक्त घटना से साफ जाहिर होता है कि सिरमौर पुलिस की नियत इस मामले में साफ नही है। अन्यथा कानून का विरोध करना, कानून के खिलाफ लोगों को इक्कठा करना और सरकार को धमकाना अपने आप में एक अपराध है। अब देखना होगा कि सरकार और पुलिस इस मामले में क्या कार्यवाही करती है। क्या पुलिस कानून और सरकार की रक्षा के लिए धरना प्रदर्शन करने वालों को भी जेल में डालती है या नही।

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