कोर्ट ने यह व्यवस्था देते हुए यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई भी ऐसा कर्मचारी 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त किया गया हो तो उसे भी 60 वर्ष की आयु का सेवानिवृत्त समझा जाए और इस दौरान का वेतन छोड़ कर उन्हें सभी लाभ पैंशन के रूप में दिए जाएं। कोर्ट ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी एक समरूप वर्ग होने के कारण उनके बीच सेवानिवृत्ति की आयु को लेकर कोई भेदभाव नहीं हो सकता।
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक, न्यायाधीश अजय मोहन गोयल व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की फुल बैंच ने यह महत्वपूर्ण व्यवस्था दी।