कारोबारियों का कहना है कि एक फीसदी मार्केट फीस लगने से ये चीजें महंगी हो जाएंगी, जिससे आम आदमी की जेब पर इसका भार पड़ेगा। शिमला व्यापार मंडल का कहना है कि अब राशन और रोजाना इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं पर भी सरकार ने यह शुल्क लगा दिया है। पहले सिर्फ 94 वस्तुओं पर यह शुल्क लगता था।
केंद्र ने जब जीएसटी लगाया था, तब कारोबारियों को भरोसा दिया था कि इसके अलावा अन्य शुल्क नहीं लिया जाएगा, लेकिन अब सरकार ने जनवरी से 165 नई वस्तुओं पर मार्केट फीस लगा दी है।
केंद्र ने जब जीएसटी लगाया था, तब कारोबारियों को भरोसा दिया था कि इसके अलावा अन्य शुल्क नहीं लिया जाएगा, लेकिन अब सरकार ने जनवरी से 165 नई वस्तुओं पर मार्केट फीस लगा दी है।
शिमला व्यापार मंडल महासचिव नितिन सोहल ने कहा कि ढाई सौ से ज्यादा वस्तुओं पर शुल्क लगने से कारोबारियों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। सरकार को इस फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए। घणाहट्टी व्यापार मंडल अध्यक्ष सुरेश गुप्ता ने भी इसका विरोध किया।
बेसन, गेहूं, जौ के आटे, खाने के तेल पर भी मार्केट फीस
कारोबारियों के अनुसार बेसन, गेहूं और जौ के साथ अब इसके आटे पर शुल्क लग गया है। सरसों के साथ खाने के सभी तेल, चीनी, पंसारी की ज्यादातर चीजें और जड़ी-बूटियां भी मार्केट फीस के दायरे में लाई गई हैं।
मंडियों के रखरखाव पर व्यय होगी राशि
राज्य मार्केटिंग बोर्ड के प्रबंधक निदेशक नरेश ठाकुर ने इस बारे में कहा कि मंडियों में बिकने आने वाली फसलों पर एक फीसदी मार्केट फीस खरीदार से ली जाएगी। यह धनराशि मंडियों के रखरखाव पर व्यय होगी।
बेसन, गेहूं, जौ के आटे, खाने के तेल पर भी मार्केट फीस
कारोबारियों के अनुसार बेसन, गेहूं और जौ के साथ अब इसके आटे पर शुल्क लग गया है। सरसों के साथ खाने के सभी तेल, चीनी, पंसारी की ज्यादातर चीजें और जड़ी-बूटियां भी मार्केट फीस के दायरे में लाई गई हैं।
मंडियों के रखरखाव पर व्यय होगी राशि
राज्य मार्केटिंग बोर्ड के प्रबंधक निदेशक नरेश ठाकुर ने इस बारे में कहा कि मंडियों में बिकने आने वाली फसलों पर एक फीसदी मार्केट फीस खरीदार से ली जाएगी। यह धनराशि मंडियों के रखरखाव पर व्यय होगी।