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कुल्लू, 28 दिसंबर। क्रिसमिस के बाद नए साल 2026 का धूमधाम से जश्न मनाने के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक हिमाचल प्रदेश का रुख कर रहे हैं। लेकिन कई बार कुछ पर्यटकों को यहां के नियमों के साथ खिलवाड़ करते देखा गया है। इसलिए इस बार कुल्लू जिला पर्यटकों की आवाजाही को देखते हुए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं।
पुलिस अधिनियम, 2007 की धारा 111 के तहत आदेश जारी
जानकारी के अनुसार, डीसी कुल्लू ने हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिनियम, 2007 की धारा 111 के तहत आदेश जारी करते हुए नदियों, खड्डों, नालों और अन्य जल स्रोतों के हाई फ्लड लेवल क्षेत्रों में आम जनता और पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिला प्रशासन का कहना है कि, सर्दियों के मौसम में बड़ी संख्या में पर्यटक फोटोग्राफी, सेल्फी और मनोरंजन के लिए नदी तटों और नदी तल तक पहुंच रहे हैं।
बजौरा से सोलंग नाला, भुंतर से मणिकर्ण मार्ग और बंजार उपमंडल में तीर्थन खड्ड के आसपास ऐसे कई मामले सामने आए हैं। चेतावनियों के बावजूद जोखिम भरे क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही बनी हुई है।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सर्दियों में ऊपरी क्षेत्रों से अचानक पानी छोड़े जाने, जलविद्युत परियोजनाओं से डिस्चार्ज, बर्फ जमने, फिसलन भरे तट, कम तापमान और धीमी प्रतिक्रिया क्षमता के चलते हादसों और डूबने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। पूर्व में इन कारणों से जानमाल के नुकसान की घटनाएं भी हो चुकी हैं।
इन्हीं खतरों को ध्यान में रखते हुए जन सुरक्षा, कानून-व्यवस्था बनाए रखने और मानव जीवन की रक्षा के उद्देश्य से यह आदेश लागू किया गया है। आदेश के तहत केवल अधिकृत साहसिक गतिविधियों या आजीविका से जुड़े कार्यों के लिए सक्षम प्राधिकारी की अनुमति से ही प्रवेश की छूट होगी।
आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिनियम, 2007 की धारा 115 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें आठ दिन तक का कारावास, एक हजार से पांच हजार रुपये तक जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। ये आदेश आगामी निर्देशों तक प्रभावी रहेंगे। जिला प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे नियमों का पालन कर अपनी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
