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शिमला : पटवारियों-कानूनगो पर कसी नकेल, 7 दिनों में निशानदेही के सम्मन जारी करने के आदेश

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शिमला, 07 दिसंबर। शिमला में राजस्व कार्यों में हो रही देरी और लापरवाही को लेकर उपायुक्त अनुपम कश्यप ने सख्त रुख अपनाया है। छुट्टी के दिन विशेष बैठक बुलाकर उपायुक्त ने फील्ड स्टाफ की लेटलतीफी पर कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने साफ कहा कि अगर कोई व्यक्ति यह शिकायत लेकर उपायुक्त कार्यालय आता है कि फील्ड स्टाफ काम नहीं कर रहा, तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

7 दिनों में निपटें लंबित निशानदेही मामले

उपायुक्त ने दोनों एसडीएमों—शहरी व ग्रामीण—को निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के भीतर सभी लंबित फाइलें निपटाई जाएं। साथ ही अगले 7 दिनों में निशानदेही के मामलों में सम्मन जारी करने की प्रक्रिया पूरी कर दी जाए। उन्होंने कहा कि कानूनगो और पटवारियों की देरी का सीधा नुकसान जनता को हो रहा है, जबकि सरकार राजस्व कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए लगातार कदम उठा रही है।

राजस्व विभाग की छवि सुधारने की नसीहत

उपायुक्त ने कहा कि राजस्व विभाग की छवि जनता के बीच खराब हो चुकी है। कर्मचारियों की देरी और गलत व्यवहार के कारण लोग विभाग से नाराज़ हैं। उन्होंने चेताया कि व्यवहार और कार्यप्रणाली में सुधार लाया जाए, वरना कड़ी कार्रवाई होगी।

बैठक रिपोर्ट नहीं भेजने पर नाराज़गी

एसडीएम शहरी द्वारा की गई बैठकों की कार्यवाही रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय को नहीं भेजी गई थी। इस पर उपायुक्त कश्यप ने नाराज़गी जताते हुए निर्देश दिए कि अब हर बैठक की रिपोर्ट समय पर भेजना अनिवार्य होगा।

11 महीने से नहीं निकले सम्मन, कानूनगो पर सख्त सवाल

धामी के फील्ड कानूनगो बृजलाल से जब जनवरी 2025 के बाद एक भी सम्मन जारी न होने पर कारण पूछा गया, तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। उपायुक्त ने इस मामले को गंभीर लापरवाही बताते हुए नायब तहसीलदार से भी पूछा कि इतनी देरी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

ऑफिस कानूनगो भी उतरेंगे फील्ड में

लंबित मामलों को निपटाने के लिए उपायुक्त ने आदेश दिया कि अब ऑफिस कानूनगो भी फील्ड में जाकर निशानदेही करेंगे। जिला राजस्व अधिकारी इनकी ड्यूटी लगाएंगे। निर्देश दिया गया कि ड्यूटी के बाद भी यदि कोई ऑफिस कानूनगो फील्ड में नहीं जाएगा तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।

90% कानूनगो को नहीं पता अपने क्षेत्र का विवरण

बैठक में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि अधिकतर कानूनगो अपने-अपने पटवार सर्कल का पूरा विवरण नहीं जानते थे—न सरकारी भवनों का रिकॉर्ड पता था, न भूमि का पूरा ब्यौरा। उपायुक्त ने कहा कि यह फील्ड स्टाफ की गंभीर लापरवाही और कमजोरी का उदाहरण है।

ग्रामसभा से गायब पटवारी – सिर्फ दो ने ही दी उपस्थिति

दोनों उपमंडलों के 50 से अधिक पटवारियों में से सिर्फ दो पटवारी ही बीते एक साल में ग्रामसभाओं में शामिल हुए। कई को अपने पंचायत सचिवों के बारे में भी जानकारी नहीं थी। उपायुक्त ने कहा कि भविष्य में ग्रामसभा में उपस्थिति अनिवार्य होगी।

चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ से नहीं मिले अधिकारी

उपायुक्त ने पाया कि दोनों एसडीएम समेत फील्ड स्टाफ अपने क्षेत्र के ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के बच्चों से मिलने तक नहीं गए हैं। उन्होंने एक महीने के भीतर सभी बच्चों से मिलकर उनकी वास्तविक स्थिति जानने के निर्देश दिए।

धारा 118 के नियमों पर सख्ती

उपायुक्त ने कहा कि धारा 118 के मामलों में किसी प्रकार की अवहेलना या जानकारी मांगे जाने पर 7 दिनों के भीतर रिपोर्ट भेजनी अनिवार्य है। नियमों का पालन न करने पर कार्रवाई की जाएगी।

पटवारियों द्वारा गलत रिपोर्ट जारी करने पर चेतावनी

धामी के पटवारी द्वारा महिला मंडल भवन की छत गिरने की गलत रिपोर्ट देने पर उपायुक्त ने कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि ऐसी रिपोर्ट पटवारी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती। यदि डैमेज रिपोर्ट रोजनामचे में दर्ज नहीं होगी तो संबंधित पटवारी के खिलाफ कार्रवाई तय है।

लंबरदारों के नियुक्ति पत्र की जांच अनिवार्य

सभी पटवारियों को अपने-अपने क्षेत्र के लंबरदारों के नियुक्ति पत्र चेक करने के निर्देश दिए गए। यदि किसी के पास नियुक्ति पत्र नहीं है तो इसे तुरंत उपायुक्त कार्यालय को भेजना होगा।

नशा मुक्त अभियान को लेकर भी निर्देश

हर पटवारी को महीने में एक बार लंबरदार और एसएचओ के साथ नशा मुक्ति अभियान पर बैठक करना अनिवार्य होगा।

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