Click Here to Share Press Release Through WhatsApp No. 82196-06517 Or Email - pressreleasenun@gmail.com

हिमाचल : कर्ज से होगी नए साल की शुरुआत, सुक्खू सरकार लेगी एक हजार करोड़ का कर्ज

News Updates Network
By -
0
न्यूज अपडेट्स 
शिमला, 26 दिसंबर। नया साल आमतौर पर उम्मीदों, खुशियों और आर्थिक राहत की आस लेकर आता है, लेकिन हिमाचल की सुक्खू सरकार नए साल की शुरूआत कर्ज से करने जा रही है। जनवरी के पहले दिन, जब सरकारी कर्मचारी वेतन और पेंशनधारक पेंशन का इंतजार कर रहे होंगे, उससे ठीक एक दिन पहले सुक्खू सरकार राज्य के खजाने में 1000 करोड़ रुपए का नया कर्ज जोड़ देगी। यह कर्ज 15 साल की अवधि के लिए लिया जा रहा है, जिसकी अधिसूचना वित्त विभाग ने जारी कर दी है।

वित्त विभाग के सचिव आईएएस राकेश कंवर की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक एक हजार करोड़ के कर्ज की राशि 31 दिसंबर 2025 को राज्य सरकार को प्राप्त होगी। इससे पहले 30 दिसंबर को इस कर्ज के लिए ऑक्शन आयोजित किया जाएगा। सरकारी दस्तावेजों में कर्ज लेने का उद्देश्य विकास कार्य बताया गया है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि राज्य सरकार पर हर महीने वेतन और पेंशन का करीब 2000 करोड़ रुपए का दबाव बना हुआ है।

नए साल से ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) का वित्तीय भार और बढ़ने वाला है। ऐसे में सरकार की आर्थिक चुनौतियां और गंभीर हो गई हैं। प्रदेश की वित्तीय हालत इस कदर तंग है कि वेतन और पेंशन भुगतान को लेकर भी सरकार को लगातार संसाधनों की तलाश करनी पड़ रही है। यही वजह है कि सरकार की निगाहें अब 16वें वित्त आयोग की सिफारिशों पर टिकी हैं।

सरकार को उम्मीद है कि अगर वित्त आयोग हिमाचल के लिए रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट की सिफारिश करता है] तो हर महीने वेतन और पेंशन के लिए जूझ रही राज्य सरकार को बड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि तब तक सरकार कर्ज के सहारे ही वित्तीय जरूरतें पूरी करती नजर आ रही है।

इस ताजा कर्ज के साथ ही हिमाचल प्रदेश एक लाख करोड़ रुपए के कुल कर्ज के आंकड़े के और करीब पहुंच जाएगा। मौजूदा अनुमान के अनुसार राज्य पर कर्ज का बोझ अब करीब 90 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। बीते कुछ महीनों में सरकार ने लगातार कर्ज उठाया है।

गौरतलब है कि सुक्खू सरकार ने 3 दिसंबर को 350 करोड़ रुपए का मीडियम टर्म लोन लिया था, नवंबर में 300 करोड़ रुपए, अक्टूबर में 200 करोड़ रुपए का कर्ज उठाया गया। इस तरह सिर्फ एक महीने के भीतर सरकार ने 1350 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज ले लिया है। आने वाली आखिरी तिमाही के लिए केंद्र सरकार राज्य को अलग से लोन लिमिट भी स्वीकृत करेगी, जिसके बाद मार्च में बजट पेश किया जाएगा।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का दावा है कि राज्य सरकार ने अपने प्रयासों से 2600 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व जुटाया है। वहीं विपक्षी दल भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार ने कर्ज लेने के सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और प्रदेश को आर्थिक संकट की ओर धकेल दिया है।

कुल मिलाकर हिमाचल प्रदेश में 2026 का स्वागत भी कर्ज के साथ होने जा रहा है। नए साल की पूर्व संध्या पर राज्य सरकार के खाते में आने वाले एक हजार करोड़ रुपए राहत से ज्यादा यह सवाल खड़े कर रहे हैं कि आखिर कब तक प्रदेश की गाड़ी उधार के सहारे चलती रहेगी। हिमाचल की बिगड़ती आर्थिक स्थिति अब सिर्फ आंकड़ों की कहानी नहीं रही, बल्कि यह नए साल की पहली हकीकत बनकर सामने खड़ी है।

Post a Comment

0 Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!