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हिमाचल : साइबर फ्रॉड का शिकार हुआ रिटायर्ड कर्मचारी, डिजिटल अरेस्ट की धमकी पर लूटे पैसे

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न्यूज अपडेट्स 
ऊना, 25 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। शातिर नए नए तरीकों से ना सिर्फ गांव के भोले भाले लोगों को अपना शिकार बना रहे है, बल्कि पढ़े लिखे और सरकारी विभागों में नौकरी करने वाले लोग भी इनके झांसे में आकर अपनी जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई लूटा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला अब ऊना जिला से सामने आया है। यहां शातिरों ने एक व्यक्ति को डरा धमका कर और उसे डिजीटल अरेस्ट कर उससे लाखों रुपए लूट लिए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़ित ऊना जिला के अंब क्षेत्र का निवासी है और पंजाब में एक सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त हुआ है। पीड़ित के अनुसार बीते कल शाम करीब 4 बजे उन्हें एक अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और कहा कि दिल्ली के केनरा बैंक में 6.5 करोड़ रुपए का बड़ा फ्रॉड हुआ है। ठगों ने पीड़ित को मानसिक रूप से डराने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा कि इस मामले में कुल 243 लोगों के नाम सामने आए हैं और पीड़ित का नाम भी उन लोगों में शामिल है।

शातिरों ने दावा किया कि पीड़ित के नाम से एक नकली सिम कार्ड बनाया गया है, जिसका इस्तेमाल चोरी और अन्य गंभीर अपराधों में किया जा रहा है। पीड़ित को विश्वास में लेने और डर बढ़ाने के लिए ठगों ने वीडियो कॉल की। इस कॉल में ठगों ने पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी, उनके कंधों पर स्टार लगे थे और वीडियो के पीछे पुलिस थाने जैसा दृश्य दिखाई दे रहा था। कॉल देखकर पीड़ित को ऐसा लगा कि यह कोई असली पुलिस अधिकारी है। ठगों ने हर संभव तरीके से पीड़ित को डराया और यह जताया कि अगर तुरंत सहयोग नहीं किया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

शातिरों के डराने धमकाने से पीड़ित मानसिक रूप से परेशान हो गया और ठगों की बातों में आकर उनके कहे अनुसार कार्य करने लगा। ठगों ने पीड़ित को डराया और कहा कि अगर वह खुद को निर्दोष साबित करना चाहता है तो उसे तुरंत 6.5 लाख रुपए जमा कराने होंगे। उन्होंने झांसा दिया कि जांच पूरी होने के बाद पैसे वापस कर दिए जाएंगे। साथ ही धमकी दी कि अगर उसने किसी को यह बात बताई तो उसके परिवार को खतरा हो सकता है।

डर और मानसिक दबाव में आकर पीड़ित सीधे हिमाचल से अमृतसर पहुंचा। वहां उसने अपनी 5 लाख रुपये की एफडी तोड़वाई और बाकी रकम अपने बचत खाते से निकालकर कुल 6.5 लाख रुपए ठगों के बताए हुए खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए।

पैसे ट्रांसफर होने के बाद ठग और लालची हो गए। उन्होंने पीड़ित से 5 लाख रुपए और मांगने शुरू कर दिए और लगातार 17 बार कॉल की। पति की बहुत घबराहट और बेचैनी देखकर पत्नी को शक हुआ। जब पत्नी ने सख्ती से पूछताछ की, तो पति ने सब सच बता दिया। इसके बाद उन्हें पता चला कि वे ठगी के शिकार हो गए हैं। पीड़ित परिवार ने साइबर क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज करवाई है।

इस मामले  पर ASP ऊना, सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि भारत में डिजिटल गिरफ्तारी का कोई कानून नहीं है। यह पूरी तरह ठगी है। उन्होंने बताया कि पुलिस या कोई भी जांच एजेंसी फोन या वीडियो कॉल के जरिए पूछताछ  नहीं करती और न ही कभी पैसों की मांग करती है। अगर किसी को ऐसी कॉल आए, तो डरें नहीं और तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।

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