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शिमला, 25 दिसंबर। बहुचर्चित हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर स्वर्गीय विमल नेगी की मौत से जुड़े मामले में एक अहम घटनाक्रम सामने आया है। पावर कॉरपोरेशन के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) और वरिष्ठ IAS अधिकारी हरिकेश मीणा को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। न्यायाधीश विरेंदर सिंह ने उनकी जमानत याचिका स्वीकार करते हुए 7 अप्रैल को दी गई अंतरिम राहत को स्थायी कर दिया।
हाईकोर्ट ने अपने आदेशों में जांच एजेंसी को यह निर्देश भी दिए हैं कि अग्रिम जमानत की अवधि के दौरान प्रार्थी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। इससे पहले 3 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उनका शव जिला बिलासपुर स्थित गोविंद सागर झील के किनारे बरामद हुआ था। इस घटना के बाद मामले ने पूरे प्रदेश में राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी थी।
विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने पावर कॉरपोरेशन के उच्च अधिकारियों पर उनके पति को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग भी की थी। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद इस संदिग्ध मौत की जांच का जिम्मा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा गया।
यह मामला लगातार नए मोड़ों से गुजर रहा है। इससे पहले सीबीआई ने भी राज्य सरकार पर जांच को प्रभावित करने के आरोप लगाए थे, जिससे मामला और अधिक संवेदनशील बन गया था। अब हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं।
