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चंबा, 29 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश में सरकारी राशन की गुणवत्ता को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। चंबा जिले के जनजातीय क्षेत्र भरमौर से सामने आए एक वीडियो ने न केवल प्रशासन बल्कि आम जनता को भी झकझोर कर रख दिया है।
वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि सरकारी राशन डिपो से वितरित किए जा रहे चावलों में सफेद कीड़े रेंग रहे हैं- जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली की हालत पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
मामला भरमौर उपमंडल की ग्राम पंचायत गरिमा के खाद्य आपूर्ति डिपो रेहला से जुड़ा हुआ है। वीडियो सामने आने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। हैरानी की बात यह है कि इन दिनों भरमौर जैसे ऊंचाई वाले जनजातीय इलाके में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
आमतौर पर इतनी ठंड में अनाज में कीड़े लगना असामान्य माना जाता है। ऐसे में चावलों में बड़ी संख्या में कीड़ों का पाया जाना इस ओर इशारा करता है कि या तो यह अनाज लंबे समय से खराब परिस्थितियों में भंडारित रहा या फिर भंडारण और आपूर्ति के दौरान गंभीर स्तर पर लापरवाही बरती गई है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि राशन डिपो से समय पर और पूरा राशन न मिलना पहले से ही एक बड़ी समस्या रही है। कई बार लोगों को महीनों तक इंतजार करना पड़ता है। अब कीड़े लगा चावल मिलने से लोगों में गहरा रोष है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि गरीब और जनजातीय लोगों की सेहत के साथ खुला खिलवाड़ है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए इस तरह का राशन गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
जानकारी के अनुसार, शनिवार को स्थानीय निवासी रिशु कुमार ने डिपो से चावल लिया था। जिस बोरी में उन्हें चावल दिया गया, उस पर वर्ष 2024-25 अंकित है। घर पहुंचने के बाद जब उन्होंने बोरी खोली, तो चावलों में सफेद कीड़े चलते हुए दिखाई दिए।
चंबा जिले के भरमौर क्षेत्र का एक वीडियो सामने आया है जिसमें सरकारी राशन में कीड़ों की भरमार है। वीडियो में व्यक्ति कह रहे हैं कि पहले तो पूरा राशन मिलता नहीं और जब मिलता है तो हालात ऐसे हैं। pic.twitter.com/xtI4sL9JXX
— kajol chauhan (@THEKAYCEEvoice1) December 29, 2025
इस वीडियो को देखकर वे हैरान रह गए और तुरंत इसका वीडियो बनाकर मामला सा किया। रिशु कुमार का कहना है कि ऐसे चावल न तो खाए जा सकते हैं और न ही देखे जा सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जनजातीय क्षेत्र होने के बावजूद यहां के लोगों को घटिया और खराब राशन दिया जाना बेहद शर्मनाक और चिंताजनक है।
गौरतलब है कि भरमौर जैसे ठंडे इलाकों में सर्दियों के दौरान लोगों को पहले ही कोटे का राशन वितरित कर दिया जाता है, ताकि बर्फबारी और ठंड के कारण लोगों को दिक्कत न हो। ऐसे में पहले से वितरित किए गए राशन की गुणवत्ता खराब निकलना प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करता है।
मामला सामने आने के बाद कार्यवाहक SDM भरमौर केशव राम ने इसकी जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी और दोष पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और डिपो संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, ग्रामीणों ने खाद्य आपूर्ति विभाग से मांग की है कि इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए, खराब राशन को तुरंत वापस लिया जाए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।
यह मामला केवल एक डिपो या एक पंचायत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में सरकारी राशन की गुणवत्ता और निगरानी व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। जनजातीय और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोग पहले ही सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में अगर उन्हें मिलने वाला सरकारी राशन भी इस हाल में हो, तो यह व्यवस्था की विफलता को दर्शाता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी पारदर्शिता और सख्ती से कार्रवाई करता है।
