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कांगड़ा, 07 दिसंबर। पालमपुर में शनिवार को एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया। टांडा मेडिकल कॉलेज में एक व्यक्ति को मृत घोषित करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया लेकिन घर पहुंचते ही मृत घोषित व्यक्ति पलकें झपकने लगा। उसकी सांसें भी चल पड़ीं। परिजनों के बात करने पर व्यक्ति इशारे में जवाब देने लगा। हालांकि, इसके करीब पांच घंटे बाद उसकी मौत हो गई। घटना ने टांडा मेडिकल कॉलेज की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
नगर निगम पालमपुर के बिंद्राबन वार्ड के लोहरल निवासी 52 वर्षीय मिलाप चंद को शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने पर टांडा ले जाया गया। शनिवार दोपहर करीब एक बजे चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अस्पताल प्रशासन ने शव परिजनों को सौंप दिया। उनकी मौत से परिवार में मातम पसर गया। रिश्तेदारों को सूचना दे दी गई। रविवार को उनका संस्कार किया जाना था। इस बीच, परिजन जब उनके शव को घर पर लिटा रहे थे, तभी उनकी आंखें खुल गईं। पलकें झपकने लगीं। पहले तो परिवार को विश्वास नहीं हुआ, पर जब उन्होंने पानी पिलाने की कोशिश की तो उन्होंने पानी पी लिया और इशारों में जवाब देने लगे। यह देखकर मौके पर मौजूद सभी लोग सन्न रह गए।
परिजन अरविंद कुमार ने बताया कि एक जिंदा व्यक्ति को मृत बताकर घर भेज दिया जाना कैसे संभव है। यह बड़ी लापरवाही है। टांडा मेडिकल कॉलेज में दोपहर करीब 1:30 बजे मृत घोषित किया था। दोपहर बाद 4:00 बजे तक शव लेकर घर पहुंचे तो सांसें चलने लग पड़ीं। रात 9 बजे के बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए।
उधर, टांडा मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विवेक बन्याल ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो मामले की जांच की जाएगी। जांच के बाद सोमवार तक इस पूरे मामले की सच्चाई सबके सामने रखी जाएगी।
