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हिमाचल : नए साल पर CM सुक्खू ने कर्मचारियों को दिया बड़ा तोहफा, कर्मचारियों के खिले चेहरे

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शिमला, 30 दिसंबर। नए साल की दस्तक से पहले हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। वर्षों से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षकों के चेहरे आखिरकार खिल उठे हैं। सुक्खू सरकार ने पदोन्नति का तोहफा देकर सैकड़ों शिक्षकों को नववर्ष की खुशियां दी हैं और स्कूल शिक्षा व्यवस्था को भी मजबूती देने की दिशा में अहम कदम उठाया है।

दरअसल सुक्खू सरकार ने शिक्षा विभाग में लेक्चरर और हेडमास्टर (स्कूल कैडर) के लिए बड़ी राहत भरा फैसला लिया है। लंबे समय से पदोन्नति की राह देख रहे अधिकारियों को प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति का तोहफा दिया गया है। मंगलवार को जारी आदेशों के तहत प्रदेश में एक साथ सैकड़ों शिक्षकों को उच्च पद पर पदोन्नत किया गया, जिसे शिक्षा विभाग के इतिहास में एक अहम कदम माना जा रहा है।

शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार कुल 779 लेक्चरर और हेडमास्टर को प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नत किया गया है। इनमें 512 हेडमास्टर और 267 लेक्चरार शामिल हैं। इस संबंध में शिक्षा सचिव राकेश कंवर की ओर से औपचारिक अधिसूचना जारी की गई। संभवतः यह पहली बार है जब राज्य में इतने बड़े पैमाने पर एक साथ प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नतियां की गई हैं।

पदोन्नति विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की सिफारिशों के आधार पर की गई है। हालांकि शिक्षा व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के उद्देश्य से सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि नवपदोन्नत प्रधानाचार्य मौजूदा शैक्षणिक सत्र के समाप्त होने तक अपने वर्तमान विद्यालयों में ही सेवाएं देंगे। वे 31 मार्च 2026 तक अपने वर्तमान स्कूलों में लेक्चरार या हेडमास्टर के रूप में कार्य करते रहेंगे और अप्रैल 2026 में उन्हें नए स्टेशनों का आबंटन किया जाएगा।

शिक्षा विभाग ने कहा है कि यदि बीच सत्र में इतने बड़े स्तर पर स्थानांतरण किए जाते हैं, तो इससे छात्रों की पढ़ाई और शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसी कारण सत्र समाप्त होने तक किसी भी प्रधानाचार्य का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। हालांकि, पदोन्नति प्राप्त करने वाले अधिकारी डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय में अपनी ज्वाइनिंग रिपोर्ट देने के बाद प्रधानाचार्य पद के अनुरूप वेतन और भत्तों के हकदार होंगे।

अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी नवपदोन्नत प्रधानाचार्यों को एफआर.22 के तहत वेतन निर्धारण का विकल्प आदेश जारी होने की तिथि से एक माह के भीतर देना होगा। साथ हीए उन्हें अपनी ज्वाइनिंग रिपोर्ट ई.मेल के माध्यम से संबंधित डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय को भेजनी होगी। इसके बाद सभी ज्वाइनिंग रिपोर्ट्स को संकलित कर 15 दिनों के भीतर निदेशक स्कूल शिक्षा को भेजा जाएगा।

इस फैसले का शिक्षक संगठनों ने स्वागत किया है। टीजीटी कला संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कौशल और महासचिव विजय हीर ने इसे शिक्षकों के लिए नए साल का बड़ा तोहफा बताया और मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री तथा शिक्षा सचिव का आभार जताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार आने वाले समय में अन्य लंबित पदोन्नतियोंए विशेषकर टीजीटी से प्रवक्ता और जेबीटी व सी एंड वी से टीजीटी की पदोन्नतियों को भी शीघ्र पूरा करेगी।

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