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शिमला, 09 दिसंबर। हिमाचल की पहाड़ियों पर दिसंबर ने करवट ले ली है। रोहतांग, बारालाचा और शिंकुला जैसे ऊंचे दर्रे सोमवार को ताज़ी बर्फ से ढक गए, जबकि नीचे मैदानों में भी कड़ाके की ठंड ने दस्तक दे दी है। बर्फबारी के बाद जहां एक ओर बागवानों ने राहत की सांस ली है, वहीं पर्यटक भी सफेद चादर से ढके पहाड़ों को देखने के लिए बेताब नजर आ रहे हैं।
पूरी घाटी सफेद
लाहुल–स्पीति के कुकुमसेरी में पारा -6.2°C तक पहुंच गया, जिससे पूरी घाटी सफेद ठंड की गिरफ्त में आ गई। मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों में ठिठुरन और बढ़ेगी और साथ ही कोहरे का खतरा भी।
निचले इलाकों में अचानक गिरा तापमान
लाहुल–स्पीति में ताज़ा बर्फबारी ने सर्दी का तेवर और तीखा कर दिया है। ताबो में न्यूनतम तापमान -1.8°C दर्ज किया गया, वहीं कुकुमसेरी शून्य से नीचे -6.2°C पर पहुंच चुका है। किन्नौर की पहाड़ियों पर हल्का हिमपात हुआ है, जिससे झरने जमने लगे हैं और कई प्राकृतिक जलस्रोतों में बर्फ की परत दिखाई देने लगी है।
कई जिलों में छाया रहा घना कोहरा
उधर, निचले क्षेत्रों में अधिकतम तापमान में 3°C की गिरावट दर्ज हुई है, हालांकि बिलासपुर सबसे गर्म ज़िला रहा, जहां दिन का तापमान 25.1°C रिकॉर्ड किया गया। मंडी में सुबह–सुबह घना कोहरा छाया रहा, जबकि कुफरी, रिकांगपिओ और ताबो में 43 किमी/घंटा की रफ्तार से icy winds चलीं।
मनाली–लेह राष्ट्रीय राजमार्ग बंद
हिमपात और फिसलन को देखते हुए 428 किलोमीटर लंबा मनाली–लेह हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए आधिकारिक रूप से बंद कर दिया गया है। यह वही मार्ग है जिसे लद्दाख की लाइफलाइन कहा जाता है सेना की आवाजाही, आवश्यक सप्लाई और पर्यटन का प्रमुख ज़रिया है । अब यह रास्ता अगले वर्ष गर्मियों में ही दर्रों से बर्फ हटने के बाद खोला जाएगा।
उधर मनाली और सोलंग घाटी में दिनभर बादल छाए रहे। शिमला में धूप खिलने से थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन प्रदेश में एक महीने से जारी सूखे ने खेती–बाड़ी को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है।
14 दिसंबर तक मौसम साफ रहने का अनुमान
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि 9 और 10 दिसंबर को मंडी और बिलासपुर जिलों में घना कोहरा पड़ेगा। हालांकि, 14 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में मौसम के साफ रहने का पूर्वानुमान है।
