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इंदौरा (कांगड़ा), 19 दिसंबर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज जिला कांगड़ा के इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में आयोजित इंदौरा उत्सव के समापन समारोह की अध्यक्षता की। ‘चिट्टा मुक्त हिमाचल’ थीम पर आयोजित इस उत्सव के लिए उन्होंने आयोजकों की सराहना की और इसे सामाजिक जागरूकता का सशक्त मंच बताया।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को समाप्त कर नया विधेयक लाने के केंद्र सरकार के निर्णय की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी रोजगार योजना को खत्म करना गरीबों के हितों पर कुठाराघात और अन्याय है। मनरेगा ने कठिन परिस्थितियों, विशेषकर कोरोना काल में, गरीबों को रोजगार का सहारा दिया। यह फैसला गरीब विरोधी है और राज्य सरकार इसका सख्त विरोध करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं तथा शीघ्र ही राज्य चयन आयोग के माध्यम से हजारों भर्तियां की जाएंगी। उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर देते हुए बताया कि सरकार का लक्ष्य प्रत्येक किसान की पारिवारिक आय कम से कम 20 हजार रुपये मासिक सुनिश्चित करना है। प्राकृतिक खेती से उगाए गए अनाज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला हिमाचल देश का पहला और एकमात्र राज्य है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में आधुनिक तकनीक को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों से लेकर सिविल अस्पतालों तक पुरानी मशीनों को बदला जा रहा है। एमआरआई, सीटी स्कैन और एक्स-रे मशीनों के लिए 3000 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। प्रदेश में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत से स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति आई है। पांच मेडिकल कॉलेजों में पहली बार तीन टेस्ला एमआरआई मशीनें स्थापित की गई हैं। हिम केयर योजना के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने राजस्व मामलों के निपटारे के लिए विशेष राज्य राजस्व अदालतों की शुरुआत का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक रिकॉर्ड 4.63 लाख मामलों का निपटारा हो चुका है। नशे के खिलाफ सरकार द्वारा शुरू किए गए चिट्टा मुक्त हिमाचल अभियान को उन्होंने जन आंदोलन बताया। अब तक 50 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की जा चुकी है और आगामी छह महीनों में चिट्टा तस्करों द्वारा अर्जित संपत्तियों को पूरी तरह नष्ट किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने लोगों से नशे से जुड़ी सूचना आपातकालीन नंबर 112 पर देने का आग्रह किया, जिस पर 10 हजार से 10 लाख रुपये तक इनाम दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने राज्य को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने के लिए लिए गए बड़े फैसलों का जिक्र करते हुए बताया कि वाइल्ड फ्लावर हॉल मामले में कानूनी जीत से प्रदेश को हर साल 20 करोड़ रुपये की आय होगी, जबकि कड़छम-वांगतू परियोजना से 150 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वार्षिक आय होगी। उन्होंने इंदौरा उत्सव को जिला स्तरीय उत्सव का दर्जा देने की अधिसूचना शीघ्र जारी करने की घोषणा भी की। इस अवसर पर उन्होंने एंजल ऑर्फनेज होम के विद्यार्थियों से संवाद किया।
विधायक मलेंद्र राजन ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि इंदौरा उत्सव का उद्देश्य युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नशा माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उत्सव के दौरान प्रख्यात गायक लखविंद्र बडाली, पुलिस बैंड, लोक गायकों और सांस्कृतिक दलों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दीं।
