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बिलासपुर, 27 दिसंबर। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मीडिया कॉर्डिनेटर संदीप सांख्यान ने कहा है कि बिलासपुर में चिट्टे के खिलाफ चली मुहिम अब तक की सबसे बड़ी और प्रभावशाली मुहिम साबित हुई है, जो एक सामाजिक क्रांति का रूप लेती नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शुरू किया गया एंटी चिट्टा अभियान न केवल नशा तस्करों बल्कि नशा करने वालों की भी कमर तोड़ने में अहम भूमिका निभा रहा है।
संदीप सांख्यान ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं सड़कों पर पैदल चलकर स्कूली बच्चों और युवाओं से संवाद कर रहे हैं और उन्हें चिट्टे व अन्य नशीले पदार्थों से दूर रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यह पहल बच्चों और युवाओं के लिए अत्यंत प्रेरणादायक है और इससे समाज में नशे के खिलाफ मजबूत संदेश गया है।
उन्होंने कहा कि बिलासपुर में एंटी चिट्टा अभियान में स्कूली बच्चों के साथ-साथ आम जनसाधारण ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, जो इस सामाजिक आंदोलन की सफलता को दर्शाता है। खास बात यह है कि इस मुहिम को राजनीतिक विचारधाराओं से ऊपर उठकर सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है।
संदीप सांख्यान ने कहा कि “मेरा हिमाचल, चिट्टा मुक्त हिमाचल” का नारा जब बिलासपुर की सड़कों पर गूंजा तो युवाओं को यह एहसास हुआ कि चिट्टे और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन कितना घातक है। उन्होंने हिमाचल पुलिस बैंड द्वारा आयोजित कॉन्सर्ट की भी सराहना की, जिसके माध्यम से युवाओं को सकारात्मक दिशा देने का प्रयास किया गया। इस पूरे अभियान में प्रशासन की भूमिका भी सराहनीय रही है।
उन्होंने बताया कि चिट्टे के खिलाफ यह मुहिम सबसे पहले 15 नवंबर को शिमला से शुरू की गई थी और अब इसे प्रदेश के महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, एनएसएस कार्यकर्ताओं और एनसीसी कैडेट्स से भी जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेशभर में नाका अभियान चलाया गया, जिसके तहत एनडीपीएस अधिनियम के अंतर्गत कई गिरफ्तारियां की गई हैं।
संदीप सांख्यान ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के आसपास स्थित दुकानों पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है और उनकी नियमित जांच की जा रही है, ताकि किसी भी तरह से नशीले पदार्थों की आपूर्ति न हो सके।
उन्होंने कहा कि बिलासपुर में “वॉर अगेंस्ट चिट्टा” के तहत जिस तरह का जनसैलाब उमड़ा है, उसने यह साबित कर दिया है कि अब हिमाचल प्रदेश चिट्टा मुक्त होकर रहेगा।
