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कांगड़ा, 01 दिसंबर। धर्मशाला में सोमवार को एंटी-चिट्टा जागरूकता वॉकथॉन का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्वयं नेतृत्व किया। वॉकथॉन दाड़ी ग्राउंड से शुरू होकर पुलिस ग्राउंड में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली विद्यार्थी, युवा तथा समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हुए। बच्चे नशा विरोधी नारों के साथ पूरे जोश और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते रहे, वहीं मुख्यमंत्री ने भी विद्यार्थियों के साथ पैदल चलते हुए उनसे बातचीत की और उन्हें नशे के खिलाफ इस मुहिम में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया।
पुलिस ग्राउंड पहुंचकर मुख्यमंत्री सुक्खू ने चिट्टा माफिया पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि देवभूमि हिमाचल में नशा तस्करों के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने जानकारी दी कि वर्षों से लंबित पड़े PIT एंड NDPS एक्ट को वर्तमान सरकार ने प्रभावी रूप से लागू किया है, जिसके तहत अब तक 46 बड़े तस्करों को हिरासत में लिया जा चुका है। साथ ही नशे से कमाए गए 46 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति भी जब्त की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लड़ाई केवल तस्करों के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे नशा नेटवर्क को जड़ से खत्म करने का निर्णायक प्रयास है। उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी हमारी युवा पीढ़ी को नशे की ओर धकेलने की कोशिश करेगा, उसका सीधा रास्ता जेल ही होगा। उन्होंने कहा कि एएनटीएफ, एसटीएफ, पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय विभागों सहित पूरा समाज अब इस युद्ध में एकजुट हो चुका है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नशा निवारण की शपथ दिलाई और लोगों से नशे के खिलाफ इस अभियान को जनआंदोलन बनाने का आह्वान किया। उन्होंने चिट्टे की तस्करी से संबंधित सूचनाएं साझा करने वालों के लिए पुरस्कार राशि की घोषणा भी की—
2 ग्राम तक की सूचना पर 10,000 रुपये
5 ग्राम पर 25,000 रुपये
25 ग्राम पर 50,000 रुपये
1 किलो पर 5 लाख रुपये
1 किलो से अधिक पर 10 लाख रुपये
बड़े गिरोह की सूचना पर 5 लाख रुपये से अधिक का पुरस्कार
मुख्यमंत्री ने बताया कि चिट्टा तस्करी से संबंधित किसी भी सूचना के लिए 112 नंबर जारी किया गया है, जिस पर लोग गोपनीय रूप से जानकारी साझा कर सकते हैं।
इस मौके पर कई मंत्री, विधायक, अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। गुब्बारों और पैराग्लाइडर के माध्यम से भी नशे के दुष्प्रभावों को लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिश की गई। धर्मशाला का यह वॉकथॉन नशा मुक्ति अभियान को नई ऊर्जा देने वाला साबित हुआ।
