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नई दिल्ली, 21 नवंबर। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने आधार कार्ड के डिजाइन में बड़े बदलाव की योजना बनाई है। नए प्रस्ताव के अनुसार आधार कार्ड पर सिर्फ धारक की फोटो और एक क्यूआर कोड दिखेगा। नाम, पता और 12 अंकों का आधार नंबर जैसी व्यक्तिगत जानकारियां हटा दी जाएंगी।यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भुवनेश कुमार ने एक ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की। प्राधिकरण दिसंबर 2025 में नए नियम लाने की योजना बना रहा है। इसका उद्देश्य डेटा के गलत इस्तेमाल को रोकना है।
भुवनेश कुमार ने प्रस्तावित बदलाव के पीछे के कारणों को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि कार्ड पर कोई भी विवरण क्यों होना चाहिए, इस पर नए सिरे से सोचा जा रहा है। यह सिर्फ एक फोटो और एक क्यूआर कोड होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम प्रिंट करते रहेंगे, तो लोग वही लेते रहेंगे जो प्रिंटेड है। जो लोग इसका गलत इस्तेमाल करना जानते हैं, वे इसका गलत इस्तेमाल करते रहेंगे। यह कदम आधार एक्ट के अनुरूप है।
नया कार्ड डिजाइन सभी जरूरी जानकारी को क्यूआर कोड में सुरक्षित रूप से संग्रहीत करेगा। इस जानकारी को सिर्फ सही प्रमाणीकरण चैनल से ही एक्सेस किया जा सकता है। इससे फ्रॉड और पहचान की चोरी का खतरा कम होगा। कुमार ने जोर देकर कहा कि आधार को कभी भी दस्तावेज की तरह इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसे सिर्फ आधार नंबर से प्रमाणित करना चाहिए या क्यूआर कोड का इस्तेमाल करके सत्यापित करना चाहिए। नहीं तो यह एक नकली दस्तावेज हो सकता है।
इस बदलाव को समर्थन देने के लिए यूआईडीएआई एक नया आधार ऐप ला रहा है। यह ऐप मौजूदा एमआधार एप्लिकेशन की जगह लेगा। अद्यतन ऐप फेशियल पहचान तकनीक के साथ क्यूआर कोड-आधारित सत्यापन को सक्षम करेगा। इससे उपयोगकर्ता गोपनीयता बनाए रखते हुए चुनिंदा जानकारी साझा कर सकेंगे। यह प्लेटफॉर्म कई उपयोग के मामलों को समर्थन देगा। इवेंट एंट्री, होटल चेक-इन और खरीदारी के लिए उम्र का सत्यापन शामिल है।
यह कदम आधार अधिनियम के अनुसार है जो ऑफलाइन सत्यापन के दौरान आधार नंबर या बायोमेट्रिक डेटा एकत्र करने पर रोक लगाता है। इस कानूनी प्रतिबंध के बावजूद कई संगठन आधार कार्ड की फोटोकॉपी जमा करके रखते हैं। इससे धोखाधड़ी और पहचान की चोरी का खतरा बना रहता है। नया प्रस्ताव इन्हीं समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करता है। डिजिटल सत्यापन को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है।
नया प्लेटफॉर्म आवासीय परिसरों तक पहुंच जैसे कई उपयोग के मामलों को समर्थन देगा। यह हवाई अड्डों पर इस्तेमाल होने वाले डिजी यात्रा सिस्टम की तरह ही काम करेगा। होटल चेक-इन प्रक्रिया भी सरल होगी। घटना प्रवेश और उम्र सत्यापन के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकेगा। उपयोगकर्ता अपनी जानकारी पर बेहतर नियंत्रण रख सकेंगे। सुरक्षा और गोपनीयता दोनों सुनिश्चित होगी।
प्रस्तावित नियम परिवर्तन पर आधार प्राधिकरण एक दिसंबर 2025 को विचार करेगा। इसके बाद नए डिजाइन के आधार कार्ड जारी किए जा सकते हैं। मौजूदा आधार कार्ड भी मान्य रहेंगे। उपयोगकर्ताओं को नए कार्ड के लिए आवेदन करने की आवश्यकता हो सकती है। संक्रमण काल में दोनों प्रकार के कार्ड स्वीकार किए जाएंगे। धीरे-धीरे पुराने डिजाइन के कार्ड बंद हो जाएंगे।
