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शिमला, 15 नवंबर। हिमाचल प्रदेश में खाद्य पदार्थों से जुड़े स्ट्रीट वेंडर और मेले में दुकानें लगाने वाले कम समय वाले लाइसेंस ले सकेंगे। लाइसेंस की अवधि तीन महीने की निर्धारित की गई है। खास बात यह है कि लाइसेंस निशुल्क बनाया जाएगा। स्ट्रीट वेंडर और छोटे दुकानदारों के लिए खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने नियमों में बदलाव कर दिया है। मेलों और छोटे समय के कार्यक्रम के लिए नए नियमों को लागू किया है। इससे पहले एक साल के लिए लाइसेंस दिया जाता था। लाइसेंस बनाने के लिए 100 रुपये की फीस देनी पड़ती थी, लेकिन अब नियमों में संशोधन किया है। एफएसएसएआई का मानना है कि मेले और छोटे समय के कार्यक्रम की अवधि काफी कम होती है। इसलिए इन लोगों को कुछ माह का लाइसेंस भी दिया जा सकता है।
इसलिए इन लोगों को कुछ माह का लाइसेंस भी दिया जा सकता है। इसके बाद विभाग की ओर से भी खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए हैं। अगर अब प्रदेश में लगने वाले मेलों और शॉर्ट टर्म कार्यक्रमों में कोई स्ट्रीट वेंडर लाइसेंस नहीं लेता है तो उस पर कार्रवाई भी की जाएगी। अभी एफएसएसएआई की ओर से पहले भी नियम बनाए गए थे, लेकिन अधिकतर लोग लाइसेंस ही नहीं लेते थे। इससे मेले और छोटे समय के कार्यक्रम के दौरान खाद्य पदार्थों के सैंपल लेने में भी दिक्कत आती थी।
अब लाइसेंस के बिना कार्य करने वालों पर भी सख्ती की जाएगी। अब तीन माह का लाइसेंस लेकर ही कार्य कर पाएंगे। वहीं, मेले और अन्य कार्यक्रम लगाने वालों को भी आसानी होगी। लाइसेंस बनाने के लिए अब इन लोगों के जेब पर भी अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि एफएसएसएआई लगातार लाइसेंस बनाने के नियमों में संशोधन कर रहा है। आसानी से लाइसेंस दुकानदारों को मिल सके इसके लिए ऑनलाइन प्रणाली को शुरू किया है। इसी प्रणाली में लोगों को आ रही दिक्कतों का भी हल निकाला गया है। हालांकि, विभाग ने यह भी साफ किया है अगर कोई लाइसेंस नहीं लेता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से स्ट्रीट वेंडर और मेले में दुकानें लगाने वालों के लिए नियमों में बदलाव किया है। अब इन्हें तीन माह का लाइसेंस आसानी से मिल सकेगा। विभाग की ओर से इस लाइसेंस को निशुल्क बनाया जाएगा।-डॉ. अतुल कायस्थ, सहायक आयुक्त, जिला खाद्य सुरक्षा विभाग
