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शिमला, 15 नवंबर। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला का संजौली मस्जिद मामला एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है। शुक्रवार को स्थानीय महिलाओं ने बाहरी राज्यों के मुस्लिमों को यहां जुमे की नमाज पढ़ने से रोक दिया। जिससे तनाव का माहौल बन गया। वहीं अब पुलिस ने जुमे की नमाज पढ़ने से रोकने पर केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उन्हें नामजद किया जाएगा।
बता दें कि शुक्रवार को स्थानीय महिलाओं और देवभूमि संघर्ष समिति ने बाहरी राज्यों के मुस्लिमों को अवैध घोषित मस्जिद में नमाज पढ़ने जाने से रोक दिया। हालांकि महिलाओं ने स्थानीय मुस्लिम लोगों को नमाज पढ़ने जाने से नहीं रोका, उन्होंने केवल बाहरी राज्यों के लोगों को ही मस्जिद के अंदर जाने से रोका, जिससे करीब तीन घंटे तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा। कुछ मुस्लिम लोग मस्जिद में नमाज पढ़ने को लेकर अड़े रहे। तनाव बढ़ता देख पुलिस ने हस्तक्षेप किया और मामले को शांत करवाया।
स्थानीय महिलाओं का कहना है कि संजौली मस्जिद को जाने का रास्ता उनके घरों के आगे से निकलता है। महिलाओं का आरोप है कि बाहरी राज्यों के लोग इस रास्ते से आते जाते उनके घरों में ताक झाक करते हैं। यहां तक कि यह लोग पहले यहां खुले में पेशाब करते देखे गए हैं। स्थानीय महिलाओं पारुल वर्मा, श्वेता और कलपी शर्मा सहित अन्य महिलाओं ने कहा कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने घरों के आगे से गुजरने नहीं देंगी। उनका कहना था कि प्रशासन लिखित में भरोसा दे कि बाहरी लोग दिल्ली जैसे घटनाक्रम या धमाके जैसी हरकतें नहीं करेंगे। महिलाओं ने कहा कि यदि सरकार सुरक्षा की जिम्मेदारी लेती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
दूसरी ओर संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष लतीफ मोहम्मद ने कहा कि कमेटी निचली अदालतों के फैसलों को पहले ही हाई कोर्ट में चुनौती दे चुकी है। वे कहते हैं कि हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे, जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। किसी भी व्यक्ति को मस्जिद में नमाज़ पढ़ने से रोकना असंवैधानिक है।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि छह महीने पहले मास्टर सलीम नामक व्यक्ति ने उन्हें सिलेंडर फोड़कर जलाने की धमकी दी थी। शिकायत पुलिस में की गई थी, हालांकि बाद में माफी मांगने पर मामला दबा दिया गया था। शुक्रवार को भी सलीम की दुकान के लोगों पर बाहरी लोगों के साथ पहुंचकर हंगामा करने के आरोप लगे।
दोपहर करीब 12 बजे शुरू हुआ विवाद तीन घंटे तक चलता रहा। भीड़ बढ़ती देख पुलिस, प्रशासन और स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाकर स्थिति शांत की। इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाया और रात तक बयान दर्ज किए गए।
स्थानीय महिलाओं ने गुरुवार को ही उपायुक्त अनुपम कश्यप को ज्ञापन सौंपकर अवैध घोषित मस्जिद में नमाज़ पर रोक लगाने की मांग की थी। इसी दौरान महिलाओं ने पुलिस की मौजूदगी में भारत माता की जय के नारे भी लगाए।
पुलिस ने कहा कि किसी भी धार्मिक गतिविधि में बाधा डालना या तनाव फैलाना कानूनन अपराध है। पुलिस ने लोगों से अपील की कि वे न्यायालय के फैसले का इंतजार करें और किसी भी तरह की अफवाह या उकसावे में न आएं।
