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हिमाचल: शिमला की सड़कों पर नशामुक्ति आंदोलन की गूंज, हजारों लोग हुए शामिल

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शिमला, 15 नवंबर। प्रदेश में मादक पदार्थ चिट्टा के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का आगाज आज शिमला में हो गया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में रिज से चौड़ा मैदान तक विशाल चिट्टा-विरोधी वॉकथॉन आयोजित हुआ, जिसमें समाज के सभी वर्गों से जुड़े हजारों लोगों ने भाग लिया। विद्यार्थियों, जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों, स्वयंसेवी संस्थाओं और आम नागरिकों का भारी उत्साह देखने को मिला।

वॉकथॉन शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री ने रिज मैदान में उपस्थित लोगों को नशामुक्ति की शपथ दिलाई। चौड़ा मैदान में संबोधित करते हुए उन्होंने इसे हिमाचल के इतिहास का महत्वपूर्ण मोड़ बताया और कहा कि चिट्टे के खिलाफ आज से निर्णायक लड़ाई शुरू हो चुकी है।

मुख्यमंत्री ने चिट्टा बेचने वालों के लिए कड़ा संदेश देते हुए कहा कि जो लोग बच्चों का भविष्य जहरीला कर रहे हैं, हिमाचल की इस पवित्र भूमि में उनके लिए अब कोई स्थान नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि यदि ऐसे लोग नहीं सुधरे तो हिमाचल उन्हें नाम, निशान और नेटवर्क सहित समाप्त कर देगा।

उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि हिमाचल की अस्मिता का युद्ध बन चुका है। इसकी गूंज पूरे देश में सुनाई देगी। उन्होंने माताओं को इस लड़ाई की रीढ़ बताते हुए कहा कि जब मां जागती है तो पूरा समाज जाग जाता है। उन्होंने धार्मिक संस्थाओं से भी चिट्टे के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार नशे के खिलाफ तीन मोर्चों पर काम कर रही है—जागरूकता, नशा माफिया पर कठोर कार्रवाई और नशे के शिकार युवाओं के पुनर्वास की व्यवस्था। उन्होंने कहा कि पीआईटी-एनडीपीएस कानून लागू होने के बाद लगातार तस्करों को जेल भेजा जा रहा है। नए विधेयकों में नशा तस्करों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास, 10 लाख रुपये तक जुर्माना और उनकी संपत्ति जब्त करने जैसे कठोर प्रावधान शामिल हैं।

उन्होंने घोषणा की कि सरकार जल्द ही एक हजार एंटी-चिट्टा स्वयंसेवियों की टीम तैयार करेगी, जो पुलिस और जनता के बीच कड़ी का काम करेगी। पुलिस को पंचायत स्तर तक चिट्टा माफिया और नशे का सेवन करने वालों की पहचान करने के निर्देश दिए गए थे, जिसे पूरा कर लिया गया है। स्कूलों में भी नशामुक्ति जागरूकता पर आधारित नया अध्याय जोड़ा जाएगा।

कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों और प्रतिभागियों से बातचीत की तथा उन्हें चिट्टे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने उन अभिभावकों से भी मुलाकात की, जिन्होंने चिट्टा के कारण अपने बच्चों को खो दिया है, और उन्हें सांत्वना दी।

वॉकथॉन में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार, मुख्य सचिव संजय गुप्ता, पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी सहित अनेक अधिकारी, जन प्रतिनिधि, धार्मिक संस्थान और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल रहे।

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