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शिमला, 24 अक्टूबर। हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) घाटे से जूझ रहा है और अब निगम प्रशासन ने करीब 450 रूटों को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि इनमें ज्यादातर रूट ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों के हैं, जहां बसों की आय की तुलना में व्यय कहीं अधिक है।
सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार की ओर से एचआरटीसी को प्रस्ताव दिया गया था कि सभी रूटों की आय-व्यय समीक्षा की जाए और जो रूट घाटे में चल रहे हैं, उन्हें बंद करने पर विचार किया जाए।
एचआरटीसी के कर्मचारियों में इस कदम को लेकर गहरा रोष है। कर्मचारियों का कहना है कि घाटे के नाम पर रूटों को बंद करना ग्रामीण जनता के साथ अन्याय है, क्योंकि राज्य के अधिकांश पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही का एकमात्र साधन एचआरटीसी बसें ही हैं।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा, “जब से कांग्रेस की सरकार बनी है, तब से यह सरकार यही सोच रही है कि क्या-क्या बंद करना है। अब बस रूटों को बंद करने का फैसला लेकर सरकार ने ग्रामीण जनता की परेशानी बढ़ाने का काम किया है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”
ग्रामीण क्षेत्रों में इस खबर से नाराजगी और चिंता का माहौल है। लोगों का कहना है कि अगर रूट बंद कर दिए गए तो स्कूल, अस्पताल और बाजार तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। सरकार और एचआरटीसी प्रबंधन की ओर से फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि फैसले को लेकर जल्द ही अंतिम आदेश जारी हो सकते हैं।
