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बिलासपुर, 27 नवंबर। एचआरटीसी बिलासपुर (HRTC Bilaspur) डिपो में यात्रियों के साथ लापरवाही का एक और गंभीर मामला सामने आया है। सरकाघाट–हरिद्वार रूट पर चलने वाली बसों को बिलासपुर में बदले जाने की व्यवस्था के कारण कई यात्री गलत रूट पर चले गए। सरकाघाट से हरिद्वार के लिए आने वाली बस को बिलासपुर में बदलने के बाद बिलासपुर से दूसरी बस को हरिद्वार के लिए भेजा जाता है, लेकिन कुछ यात्री पुराने वाहन में ही बैठे रह गए, जिसके चलते उन्हें बंदला रूट पर जाना पड़ा।
जानकारी के अनुसार, पिछले कल भी जब सरकाघाट से आई बस (HP 69 4951) को बंदला रूट पर भेजा गया, तो कुछ यात्री इसी बस में बैठे रह गए। बस जैसे ही चंपा पार्क पहुँची, एक यात्री को शक हुआ कि बस चंडीगढ़ - हरिद्वार की तरफ नहीं जा रही। उसने दूसरे यात्री से पूछताछ की तो पता चला कि यह बस ग्रामीण रूट पर जा रही है। स्थिति समझते ही यात्री को चंपा पार्क में ही उतरकर पैदल बस अड्डे की ओर लौटना पड़ा।
बताया जा रहा है कि जब बस बंदला मार्ग पर थोड़ी दूरी आगे बढ़ी और एक यात्री ने परिचालक को टिकट दिखाया, तो परिचालक ने कथित तौर पर उससे बदतमीज़ी से बात की और उसे बस से उतरने के लिए कह दिया, लेकिन किसी तरह की सहायता नहीं की। इससे यात्री को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो भी किसी यात्री द्वारा रिकॉर्ड कर लिया गया है।
बस बदलाव की व्यवस्था बन रही परेशानी का कारण
एचआरटीसी की व्यवस्था के अनुसार, जो बस बिलासपुर से हरिद्वार जाती है, वही अगले दिन हरिद्वार से वापस सरकाघाट आती है। इसके बाद वही बस सरकाघाट से हरिद्वार जाती है, लेकिन बिलासपुर में इसे बदल दिया जाता है। इसी बदलाव के कारण कई यात्री अनजान में पुराने वाहन में बैठे रह जाते हैं, जिससे ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है।
बस समय पर नहीं हो रही रवाना
यात्रियों की बढ़ती भीड़ और ओवरलोडिंग को देखते हुए अतिरिक्त बसें चलाई जा रही हैं, लेकिन शिकायत है कि बसें समय पर बस अड्डे से रवाना नहीं हो रहीं। प्रबंध निदेशक के आदेशों का बिलासपुर डिपो में सही पालन नहीं हो रहा है, जिससे प्रबंधन की लापरवाही उजागर हो रही है। इस संबंध में एक शिकायत ईमेल के माध्यम से प्रबंध निदेशक कार्यालय को भेजी गई है।
