न्यूज अपडेट्स
ऊना, 26 नवंबर। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन प्रदेश की राजनीति में तापमान बढ़ गया है। आज यानी बुधवार सुबह तपोवन में सत्र की कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन इसी दौरान सबकी नजरें इस बात पर टिक गईं कि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सदन में मौजूद नहीं थे। जो इसके कुछ घंटे बाद उनके अचानक दिल्ली रवाना होने की पुष्टि हुई, जिसने राजनीतिक हलकों में नई चर्चा छेड़ दी है।
पारिवारिक कार्यक्रम या राजनीतिक संकेत?
उपमुख्यमंत्री की बेटी का हाल ही में विवाह समारोह सम्पन्न हुआ है। 28 नवंबर को दिल्ली में दूल्हा पक्ष की ओर से आयोजित रिसेप्शन में शामिल होने के लिए वे राजधानी गए हैं। उन्होंने स्वयं भी यह स्पष्ट किया कि यह यात्रा पूरी तरह पारिवारिक कारणों से है।
हालांकि, राजनीतिक माहौल इतना सरल नहीं है। उनके दिल्ली जाने की टाइमिंग, सत्र के पहले ही दिन ने कई तरह के राजनीतिक प्रश्न खड़े कर दिए हैं। यह संयोग है या संकेत, इस पर राजनीतिक गलियारों में बहस तेज हो गई है।
हाल के बयानों ने बढ़ाई सरगर्मी
उपमुख्यमंत्री के दो हालिया बयान पहले ही सियासी चर्चाओं में थे। पहला “अब मैं फ्री हूं और आने वाले दिनों में सड़कों पर नजर आऊंगा”। इस बात को बहुत से लोग बगावती तेवर के रूप में देख रहे हैं।
दूसरा बयान “मैं दबाव की राजनीति से नहीं डरता, मैं जनता की ताकत से यहां पहुंचा हूं” ने अटकलों को और हवा दी है। ऐसे में सत्र के पहले दिन उनकी गैरमौजूदगी को कई राजनीतिक विश्लेषक ‘संयोग’ मानने को तैयार नहीं दिख रहे।
30 नवंबर को वापसी की संभावना
धर्मशाला से दिल्ली की दूरी भले अधिक न हो, लेकिन सत्र के संवेदनशील दिनों में उपमुख्यमंत्री का मौजूद न होना विपक्ष और सत्तारूढ़ खेमे दोनों के लिए चर्चा का विषय है। राज्य सरकार के लिए यह सत्र खास महत्त्व रखता है, ऐसे में शीर्ष नेतृत्व का अभाव कई सवालों को जन्म दे रहा है।
सूत्रों के अनुसार, मुकेश अग्निहोत्री 30 नवंबर को धर्मशाला लौटेंगे। लेकिन लौटने के बाद क्या वे सत्र की शेष कार्यवाही में सक्रिय भाग लेंगे, यह अभी साफ नहीं है।
वापसी के बाद होगा स्पष्ट
राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं कि उपमुख्यमंत्री की वापसी के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि उनकी यह यात्रा महज पारिवारिक दायित्व थी या फिर प्रदेश की राजनीति में कोई नई बिसात बिछ रही है। सत्र शुरू होते ही इस तरह के घटनाक्रम ने हिमाचल की सियासत को नया मोड़ दे दिया है और आने वाले दिनों में बयानबाज़ी व राजनीतिक समीकरण और दिलचस्प हो सकते हैं।
