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शिमला, 22 नवंबर। हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर पिछले कुछ दिनों से सुक्खू सरकार और राज्य चुनाव आयोग के बीच बने गतिरोध के बीच अब स्थिति स्पष्ट होती दिखाई दे रही है। चुनाव आयोग के कड़े रुख अपनाने के बाद आखिरकार सभी जिलों के उपायुक्त डीसी चुनाव सामग्री उठाने को सहमत हो गए हैं। इससे पंचायत चुनाव की तैयारियों में तेजी आ गई है।
इससे पहले चुनाव आयोग के निर्देश के बाद भी डीसी चुनाव सामग्री नहीं उठा रहे थे, लेकिन अब चुनाव आयोग की सख्ती के बाद सभी जिला डीसी चुनाव सामग्री उठाने को तैयार हो गए हैं। कुछ जिला डीसी और पंचायती राज विभाग ने चुनाव सामग्री उठाने के लिए कमीशन से शेड्यूल की मांग की थी। जिस पर इलेक्शन कमीशन ने आज सभी 12 जिलों में पंचायत चुनाव के लिए तैयार चुनाव सामग्री उठाने का शेड्यूल जारी कर दिया है।
12 जिलों के लिए तिथि तय
24 नवंबर: केलांग, काजा, किन्नौर और कुल्लू
25 नवंबर: सिरमौर, ऊना
26 नवंबर: शिमला
27 नवंबर: कांगड़ा
28 नवंबर: मंडी
29 नवंबर: सोलन, चंबा
1 दिसंबर: बिलासपुर, हमीरपुर
इन तिथियों पर संबंधित जिलों के डीसी शिमला स्थित प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी विभाग से पंचायत चुनाव की सामग्री प्राप्त करेंगे।
चुनाव आयोग ने सभी जिलों को निर्देशित किया है कि चुनाव सामग्री विशेषकर बैलेट पेपर को केवल सरकारी वाहनों में ही ले जाया जाए। इसके साथ हथियारबंद पुलिस सुरक्षा अनिवार्य रूप से तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी अधिकारियों को सुबह 10 बजे शिमला स्थित प्रिंटिंग विभाग पहुंचने के निर्देश जारी किए गए हैं। चुनाव सामग्री को संबंधित जिलों में ले जाकर कड़ी निगरानी में सुरक्षित स्थानों पर रखा जाएगा।
पिछले सप्ताह कई जिलों के डीसी ने चुनाव सामग्री उठाने से इनकार करते हुए इसे असुरक्षित और अस्पष्ट प्रक्रिया बताया था। चुनाव आयोग ने उन्हें 20 नवंबर तक की समय.सीमा दी थी, लेकिन विवाद इतना बढ़ा कि कुछ डीसी शिमला पहुंचकर भी चुनाव सामग्री लौटाए बिना वापस लौट गए। इससे राज्य सरकार और चुनाव आयोग के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
आयोग की सख्त चेतावनी और स्पष्ट शेड्यूल जारी होने के बाद अब सभी जिलों के डीसी सामग्री उठाने को तैयार हो गए हैं। इससे संकेत मिल रहा है कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया अब तेजी से आगे बढ़ेगी और प्रशासनिक असमंजस खत्म होता दिखाई दे रहा है। हिमाचल में पंचायत चुनाव को लेकर चल रहा गतिरोध अब कम होता दिख रहा है, और चुनाव प्रक्रिया अब पटरी पर लौटती नजर आ रही है।
