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शिमला, 04 नवम्बर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मत्स्य पालन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य में मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभाग को आधुनिक तकनीक अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मछली उत्पादन की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे मत्स्य पालक किसानों को बेहतर आमदनी प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार नदियों और जलाशयों के किनारे नई हैचरी और कोल्ड स्टोर स्थापित करेगी। उन्होंने विभाग को राज्य भर में उपयुक्त भूमि की पहचान कर शीघ्र प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दे रही है और इसमें मत्स्य पालन क्षेत्र की अहम भूमिका है। मत्स्य पालक किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षण और सब्सिडी आधारित उपकरणों की सुविधा उपलब्ध करा रही है।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विभाग को निर्देश दिए कि किसानों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें उन्नत बीज किस्मों और नवीन पद्धतियों की जानकारी दी जाए, ताकि वे इस क्षेत्र में हो रही तकनीकी प्रगति का लाभ उठा सकें।
उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से आगामी सीजन से राज्य के सभी बांधों और जलाशयों में मछली बीज भंडारण बढ़ाया जाएगा। इसके लिए विभाग को अगले वर्ष की बीज आवश्यकताओं का आकलन करने और व्यापक स्तर पर तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में 19,019 मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन दर्ज किया गया है, जबकि इस वर्ष अक्टूबर माह तक 7,773 मीट्रिक टन उत्पादन हो चुका है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ट्राउट मछली उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है और राज्य सरकार ट्राउट मछली पालकों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक कॉर्पस फंड स्थापित करेगी।
बैठक में राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया, विधायक संजय अवस्थी, नीरज नैयर, मलेंद्र राजन, विवेक शर्मा, निदेशक मत्स्य विभाग विवेक चंदेल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
