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शिमला, 21 नवंबर। हिमाचल प्रदेश में प्रस्तावित पंचायत चुनावों को लेकर जारी असमंजस अब और गहरा गया है। चुनाव करवाने में देरी और प्रशासनिक तैयारी न होने की स्थिति पर आज प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बड़ा बयान दिया है। राज्यपाल ने स्पष्ट कहा है कि पंचायत चुनावों में देरी चिंताजनक है और इस पर जल्द निर्णय होना चाहिए।
राज्यपाल ने बताया कि राज्य चुनाव आयुक्त अनिल खाची ने आज बंद लिफाफे में उन्हें एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें पंचायत चुनावों की मौजूदा तैयारियों और बाधाओं का उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि यह मामला अत्यंत संवेदनशील है और इससे लाखों ग्रामीणों का लोकतांत्रिक अधिकार जुड़ा हुआ है।
राज्यपाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि मंत्री कह रहे हैं कि चुनाव समय पर होने चाहिए, जबकि कई अधिकारी और सात जिलों के डिप्टी कमिश्नर यह कह रहे हैं कि वर्तमान परिस्थितियों में चुनाव करवाना संभव नहीं है। इस विरोधाभासी स्थिति पर टिप्पणी करते हुए राज्यपाल ने कहा — “आखिर मंत्री बड़ा है या अधिकारी?”
राज्यपाल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस मुद्दे पर राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग खुलकर चर्चा करें और मिलकर ऐसा फैसला लें, जिससे पंचायत चुनाव बिना देरी के करवाए जा सकें। राज्यपाल ने यह भी कहा कि अगर किसी राज्य में विधानसभा चुनाव समय पर न हों तो यह पूरे सिस्टम में अस्थिरता पैदा कर देता है और यही स्थिति पंचायत चुनावों के संदर्भ में भी लागू होती है।
प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर पहले ही राजनीतिक बयानबाजी तेज है और विपक्ष सरकार पर जानबूझकर देरी का आरोप लगा रहा है, जबकि सरकार इसे प्रशासनिक तैयारी और कानूनी प्रक्रिया से जोड़कर देख रही है। अब राज्यपाल के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पंचायत चुनावों को लेकर स्थिति और स्पष्ट होगी।
