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शिमला, 24 नवंबर। एचआरटीसी की बसों में ऑनलाइन भुगतान प्रणाली को यात्रियों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। डिजिटल लेन-देन तेजी से बढ़ते हुए नए रिकॉर्ड कायम कर रहा है। वर्तमान में प्रतिदिन करीब 10,000 ऑनलाइन भुगतान दर्ज किए जा रहे हैं, जिससे निगम की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार, एचआरटीसी को प्रतिदिन लगभग 14 लाख रुपये ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से प्राप्त हो रहे हैं।
यात्री अब गूगल पे, फोन पे, डेबिट/क्रेडिट कार्ड तथा क्यूआर कोड स्कैन कर आसानी से टिकट का भुगतान कर रहे हैं, जिससे कैश लेन-देन की जटिलता काफी कम हो गई है। डीडीएम आईटी राजेश शर्मा ने बताया कि डिजिटल भुगतान व्यवस्था न केवल पारदर्शिता बढ़ा रही है, बल्कि यात्रियों को तेज और सुरक्षित सुविधा प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
निगम अधिकारियों ने कहा कि डिजिटल भुगतान बढ़ने से अब परिचालकों को ई- टिकटिंग मशीन और ऑनलाइन प्रक्रिया का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि तकनीकी दिक्कतों को तुरंत दूर किया जा सके। निगम डिजिटल भुगतान को और सुविधाजनक बनाने के लिए नई तकनीक शामिल करने की तैयारियों में है।
इसके साथ ही यात्रियों में एनसीएमसी कार्ड की मांग भी बढ़ रही है, क्योंकि यह कार्ड बिना इंटरनेट या कमजोर नेटवर्क वाले क्षेत्रों में भी सुचारू रूप से कैशलेस भुगतान की सुविधा देता है।
खुले पैसों की समस्या खत्म
यात्रियों ने बताया कि डिजिटल भुगतान से खुले पैसों की समस्या पूरी तरह खत्म हो गई है और टिकट खरीदना अब पहले से अधिक आसान और सुरक्षित हो गया है। एचआरटीसी का यह प्रयास आधुनिक परिवहन प्रणाली की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
परिचालकों को अधिक ऑनलाइन टिकट काटने के निर्देश
निगम प्रबंधन ने प्रदेश भर के सभी परिचालकों को निर्देश दिए हैं कि वे अधिक से अधिक यात्रियों से ऑनलाइन माध्यम से टिकट जारी करें। निगम का लक्ष्य है कि अगले दो वर्षों में 100 प्रतिशत ट्रांजैक्शन ऑनलाइन प्रणाली से हो सके।
एचआरटीसी की यह पहल प्रदेश में डिजिटल ट्रांसपोर्टेशन को नई दिशा दे रही है।
