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बिलासपुर, 22 नवंबर। भानुपल्ली-बिलासपुर रेल लाइन की टनल नंबर-17 के पास अवैध डंपिंग और बिना अनुमति भारी ब्लास्टिंग के आरोपों से उत्पन्न विवाद एक बार फिर गहराता दिख रहा है। प्रभावित परिवारों के लगातार 173 दिन से धरना और 160 दिन से क्रमिक भूख हड़ताल के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम न उठाए जाने से लोगों में गहरी नाराजगी है। शुक्रवार को तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी के विलासपुर दौरे के दौरान यह मुद्दा प्रमुखता से उठा।
दौरे के दौरान समाजसेवी रजनीश शर्मा ने मंत्री के समक्ष कहा कि 8 जुलाई को मंत्री ने स्वयं अधिकारियों को प्रभावितों की समस्याओं का समाधान करने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद नवंबर तक भी हल नहीं निकला। शर्मा ने कहा कि महीनों से लोग धरने और भूख हड़ताल पर बैठे हैं, लेकिन फाइलें अभी तक आगे नहीं बढ़ीं। स्थिति सुनते ही मंत्री धर्माणी ने मौके पर ही उपायुक्त से पूछा कि जब जुलाई में आदेश दे दिए थे, तो अब तक समस्या का समाधान क्यों नहीं हुआ? लोग धरने पर हैं, भूख हड़ताल पर हैं फिर भी कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उपायुक्त ने केवल इतना कहा कि समाधान की प्रक्रिया चल रही है। मंत्री इस जवाब से असंतुष्ट दिखे। उन्होंने निर्देश दिया कि लोगों की समस्या का जल्द से जल्द समाधान करो। टनल 17 से प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि अवैध डंपिंग और बिना इजाजत ब्लास्टिंग के कारण उनके घरों में दरारें आईं, पानी के स्रोत प्रभावित हुए और नाले अवरुद्ध हो गए। इसी विरोध में वे 173 दिनों से धरने पर बैठे हैं। शुक्रवार को अजय कुमार, विजय कुमार, मीना देवी, केसरी देवी और कौशल्या देवी क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे। उन्होंने कहा कि प्रशासन बार-बार समाधान का आश्वासन दे रहा है, परंतु कोई निर्णय आज तक धरातल पर नहीं उतरा।
बताते दें कि मंत्री धर्माणी पहले भी इलाके का निरीक्षण कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि कंपनी ने टनल से निकली मिट्टी को अवैध तरीके से नदी व नालों में डंप किया, बिना प्रशासनिक अनुमति के भारी ब्लास्टिंग की, पर्यावरण को और स्थानीय घरों को गंभीर नुकसान पहुंचाया।
मंत्री ने पूर्व में ही कमेटी गठित कर कंपनी पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। प्रभावितों की मांगें हैं कि उन्हें बाजार भाव के अनुसार मुआवजा, घरों का पुनर्निर्माण, कंपनी पर सख्त कार्रवाई और भविष्य में अवैध गतिविधियों पर पूरी रोक लगाई जाए।
