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शिमला, 22 नवंबर। राजभवन के बाहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंकने पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कड़ी नाराजगी जताई है। शुक्रवार को राज्यपाल ने इस मामले को लेकर डीजीपी अशोक तिवारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव कुमार गांधी को राजभवन में तलब किया। राज्यपाल ने इस मामले में बरती गई लापरवाही को लेकर दोनों अधिकारियों को कड़ी लताड़ लगाई और लापरवाही बरतने वालों की जवाबदेही तय करते हुए एक हफ्ते में रिपोर्ट देने के आदेश दिए।
युवा कांग्रेस ने वीरवार को वोट चोरी को लेकर कांग्रेस की ओर से चलाए जा रहे राष्ट्रीय अभियान के तहत राजभवन के बाहर प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका था। इस दौरान राज्यपाल राजभवन में मौजूद नहीं थे। वह सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी में आयोजित विकसित भारत युवा नेतृत्व संवाद कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे। देर रात शिमला पहुंचने पर उन्हें मामले की जानकारी मिली। इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए उन्होंने डीजीपी और एसएसपी शिमला को राजभवन बुलाया।
राज्यपाल ने डीजीपी और एसएसपी शिमला से पूछा कि किसकी अनुमति से युवा कांग्रेस ने राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया, सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में प्रदर्शन की अनुमति किस अधिकारी ने दी। यदि बिना अनुमति के यह प्रदर्शन हुआ तो प्रदर्शनकारियों को राजभवन पहुंचने से रोका क्यों नहीं गया।
राज्यपाल ने पूछा कि राजभवन जो कि संवेदनशील क्षेत्र है, यह किस थाना क्षेत्र में आता है और क्षेत्र का प्रभारी कौन है। राज्यपाल ने देश के प्रधानमंत्री के पुतले को फूंकने से न रोक पाने के लिए पुलिस प्रशासन की विफलता को बेहद अफसोसजनक कहा।
